उदयपुर में जल मंथन: बिहार के जल संरक्षण मॉडल की सराहना, राज्यों को मिले उपयोगी सुझाव

– जल संरक्षण की दिशा में बिहार की महत्वपूर्ण पहलें
– केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने जल प्रबंधन पर राज्यों के सामूहिक प्रयासों को सराहा
– जल शक्ति से नारी शक्ति को साकार करने की पहल
– नमामि गंगे की सफलता के बाद अन्य नदियों की सफाई पर जोर
उदयपुर। उदयपुर में आयोजित राज्यों के जल मंत्रियों के द्वितीय अखिल भारतीय सम्मेलन का भव्य समापन हुआ। इस सम्मेलन में देशभर के जल संसाधन विशेषज्ञों और मंत्रियों ने भाग लिया और जल संरक्षण की दिशा में अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री ने जल संरक्षण की दिशा में अपने राज्य द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डाला, वहीं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने जल प्रबंधन के क्षेत्र में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
बिहार के जल संरक्षण मॉडल की सराहना
बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री ने जल-जीवन-हरियाली मिशन के अंतर्गत किए गए कार्यों को सम्मेलन में प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने जल स्रोतों के पुनर्जीवन, नए जल स्रोतों के निर्माण, वर्षा जल संचयन और सिंचाई परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 47 हजार जल स्रोतों को चिन्हित किया गया, जिनमें से 24 हजार पुराने जल स्रोतों की मरम्मत की गई है। 64 हजार से अधिक नए जल स्रोत विकसित किए गए और 12 हजार से ज्यादा चेक डेम बनाए गए। इसके अलावा, 37 हजार कुओं और 2 लाख 3 हजार से ज्यादा चापाकलों के पास सोखता का निर्माण किया गया।
बिहार सरकार ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 14 हजार से अधिक सरकारी भवनों में रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं का निर्माण किया है। 45 हजार एकड़ भूमि में ड्रिप सिंचाई तकनीक के माध्यम से जल की बचत की जा रही है। इसके साथ ही, 1 हजार 65 पौधशालाओं का निर्माण कर 17 करोड़ 80 लाख पौधे लगाए गए हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी सहायता मिल रही है।
📍उदयपुर में आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों के सम्मेलन की कुछ अविस्मरणीय झलकियां। pic.twitter.com/eSc5BsqqQv
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) February 18, 2025
जल संरक्षण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका
बिहार सरकार ने जल संरक्षण के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं। जल शक्ति से नारी शक्ति अभियान के तहत राज्य की महिलाएं जल प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। राजीविका दीदियों के माध्यम से जल संरक्षण की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे पूरे देश को प्रेरणा मिल रही है।
Read Also – पीडब्ल्यूडी की लापरवाही से हो रहे हादसे, विधायक के निजी ग्राम में जनता परेशान
जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जागरूकता अभियान
बिहार में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत हर महीने के पहले मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली दिवस मनाया जाता है। इस पहल का उद्देश्य लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक बनाना है। इन प्रयासों के लिए बिहार को राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री का संबोधन
सम्मेलन के समापन अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने जल संरक्षण और जल प्रबंधन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में राज्यों के सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जल संसाधनों का कुशल प्रबंधन और संरक्षण सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज ने अपने शासनकाल में किलों में जल संरक्षण के अभिनव प्रयास किए थे, जो आज भी जल नीति के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जल शक्ति मंत्रालय ने जल संरक्षण को नई दिशा दी है। आज स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल आम लोगों की जीवनशैली का हिस्सा बन गया है, जो सरकार की सफल योजनाओं का परिणाम है।
आज उदयपुर में माननीय केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री @CRPaatil जी के साथ राजस्थान की आन-बान-शान के प्रतीक, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी के स्मारक पर मेवाड़ मुकुट को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें कृतज्ञतापूर्वक नमन किया। pic.twitter.com/XAFg8us7Sr
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) February 18, 2025
दावोस में भारत के जल संरक्षण मॉडल की सराहना
उन्होंने बताया कि हाल ही में दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भारत के जल संरक्षण मॉडल की चर्चा हुई थी। वहां रिवर सिटी एलायंस पर भी विचार किया गया, जिसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए और जल संरक्षण के लिए नवाचार के नए रास्ते खोले।
नमामि गंगे की सफलता के बाद अन्य नदियों की सफाई पर जोर
उन्होंने बताया कि नमामि गंगे अभियान के तहत गंगा को स्वच्छ बनाने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है। अब इस मॉडल को अन्य नदियों की सफाई में भी लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने राज्यों से आह्वान किया कि वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएं।
पुनः उपयोगित जल से आर्थिक लाभ
जल संरक्षण के नए उपायों पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि सूरत में उद्योगों को टर्शियरी ट्रीटेड पानी उपलब्ध कराया गया, जिससे 600 करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद है। इसी तरह, गंगा पर स्थित तीन बिजली संयंत्रों में टर्शियरी ट्रीटेड जल का उपयोग पहले से किया जा रहा है, और अब 20 अतिरिक्त संयंत्रों में इसे लागू करने की योजना है।
राज्यों को जल संरक्षण के सामूहिक प्रयासों पर बल
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने राज्यों से आग्रह किया कि वे जल संरक्षण के प्रयासों में सामूहिक भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन और पुनः उपयोगित जल की तकनीकों को अपनाकर जल संकट से निपटा जा सकता है।
सम्मेलन की उपलब्धियां और भविष्य की रणनीति
उदयपुर में इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के जल संसाधन मंत्रियों और विशेषज्ञों ने जल संरक्षण की दिशा में अपने सुझाव साझा किए। प्राप्त सुझावों को केंद्र सरकार द्वारा नीति निर्माण में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।
उदयपुर में संपन्न हुआ यह सम्मेलन जल संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। बिहार सरकार के जल संरक्षण मॉडल को सराहना मिली, वहीं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने जल प्रबंधन के नए आयामों पर जोर दिया। इस सम्मेलन से प्राप्त सुझावों को लागू कर देश जल संरक्षण की दिशा में और मजबूत कदम उठा सकेगा।