
जयपुर। विद्यालयी शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि निरक्षरों में ज्ञान का दीप जलाना मानवता की परम सेवा है। उन्होंने कहा कि निःस्वार्थ भाव से शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने वाले शिक्षक समाज के प्रेरक हैं, जो प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं।
मदन दिलावर ने मंगलवार को जयपुर स्थित इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत आयोजित उल्लास मेले को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पढ़ा-लिखा व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति अधिक जागरूक होता है, इसलिए हर किसी को शिक्षित होने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने नवसाक्षरों को पुरस्कृत किया और संवाद करते हुए उन्हें निरंतर पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। डीडवाना-कुचामन की शांति देवी का उदाहरण देते हुए उन्होंने उनकी पढ़ाई के प्रति रुचि की सराहना की और सभी निरक्षरों को शिक्षित होने का आह्वान किया।
सुनीता देवी ने सीखा हस्ताक्षर करना
जोधपुर की सुनीता देवी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि शादी के बाद ससुराल में पढ़ाई शुरू की और अब वह अंगूठे की जगह हस्ताक्षर करती हैं। नरेगा में कार्यरत सुनीता अब पैसे के हिसाब-किताब और योजनाओं में भी दक्ष हो गई हैं। सुनीता जैसी लाखों महिलाएं इस कार्यक्रम से साक्षर हो चुकी हैं।
प्रदर्शनी और सामग्री का अवलोकन
कार्यक्रम के दौरान मदन दिलावर ने राजस्थान के विभिन्न जिलों द्वारा लर्नर्स के शिक्षण हेतु विकसित सामग्री की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनके प्रयासों की सराहना की।
उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की विशेषताएं
यह कार्यक्रम स्वयंसेवी शिक्षण पर आधारित है, जिसमें एनसीसी और एनएसएस के विद्यार्थी, बीएड इंटर्न, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सेवानिवृत्त कर्मी, और भूतपूर्व सैनिक जैसे स्वयंसेवक बिना मानदेय के 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के निरक्षरों को पढ़ा रहे हैं। राज्य में अभी भी लगभग 80 लाख निरक्षर व्यक्ति हैं। वर्ष 2024-25 में 20 लाख निरक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है।
उल्लास ऐप पर अब तक 15.68 लाख असाक्षरों का पंजीकरण हुआ है। 2024-25 के पहले बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मकता एसेसमेंट टेस्ट में 5.20 लाख लर्नर्स उपस्थित हुए, जिनमें से 5.19 लाख सर्टिफाइड हुए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा है कि आगामी वर्षों में राजस्थान को पूर्ण साक्षर बनाया जाए।
कार्यक्रम में उपस्थिति – कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल, प्रौढ़ शिक्षा विभाग की निदेशक प्रीति मीणा, साक्षरता एवं सतत शिक्षा के निदेशक मेघराज सिंह रतनू और बड़ी संख्या में स्वयंसेवक एवं नवसाक्षर उपस्थित रहे।