घायल उल्लू का सफल रेस्क्यू, उपचार के बाद वन विभाग को सौंपा गया

बाबूलाल जाजू और टीम की संवेदनशीलता और तत्परता का उदाहरण
भीलवाड़ा। वन्य जीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए समर्पित कार्यकर्ता एवं पीपल फॉर एनिमल्स के प्रदेश प्रभारी तथा वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व विशेषाधिकारी बाबूलाल जाजू ने एक बार फिर मानवीयता और जिम्मेदारी का परिचय देते हुए एक घायल उल्लू को बचाकर उसे सुरक्षित वन विभाग को सौंपा।
होमगार्ड की सतर्कता से मिला जीवनदान
यह घटना सोमवार प्रातः की है जब कृषि उपज मंडी, भीलवाड़ा में होमगार्ड रवि धोबी ने एक घायल उल्लू को देखा। उन्होंने तुरंत बाबूलाल जाजू को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही जाजू मौके पर पहुंचे और सावधानीपूर्वक उल्लू को रेस्क्यू किया।
उपचार और देखभाल की व्यवस्था
रेस्क्यू के पश्चात घायल उल्लू को पीपल फॉर एनिमल्स के निराश्रित बीमार पशु ग्रह में लाया गया, जहां पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेश कास्ट ने उसका उपचार किया। उल्लू को हल्की चोटें आई थीं, जिनका समय पर उपचार किया गया।
वन विभाग को सुपुर्दगी और सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरण
उपचार के बाद उल्लू को वन विभाग की वनरक्षक कांता कंवर को सौंपा गया। उन्होंने उसे हरणी नर्सरी स्थित वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर में सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया, जहां वह पूरी तरह स्वस्थ होने तक देखरेख में रहेगा।
सहयोगियों की सराहनीय भूमिका
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में देवेंद्र गुर्जर और शंकर सालवी ने सक्रिय सहयोग किया। उनकी तत्परता और संवेदनशीलता ने इस कार्य को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
यह घटना न केवल एक घायल पक्षी को नया जीवन देने का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि यदि नागरिक और प्रशासन मिलकर काम करें तो वन्य जीव संरक्षण को एक नई दिशा दी जा सकती है। बाबूलाल जाजू और उनकी टीम का यह प्रयास समाज में प्राकृतिक संतुलन और पशु-पक्षियों के प्रति करुणा को बढ़ावा देने की प्रेरणा है।