जैसलमेर में कर्रा रोग का फैलाव रोकने के लिए पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने ली अधिकारियों की आपात बैठक

जयपुर। जैसलमेर जिले में कर्रा रोग के फैलाव को रोकने के लिए पशुपालन विभाग ने देर रात आपात बैठक आयोजित की। हाल ही में जैसलमेर जिले में इस रोग के कारण 36 पशुओं तथा फलौदी क्षेत्र में 2 पशुओं की मृत्यु हो चुकी है, जिसे गंभीरता से लेते हुए पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने यह बैठक बुलाई। बैठक में पशुपालन निदेशक आनंद सेजरा सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में पशुपालन मंत्री कुमावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि विभाग पूरी सतर्कता बरते और रोग को फैलने से रोकने के लिए पर्याप्त दवाइयों, संसाधनों और कर्मचारियों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
इसके साथ ही उन्होंने जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा और फलौदी के जिला कलेक्टर्स से भी बातचीत कर जिलों में स्टाफ, दवाइयों और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जिलों में इन व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाए ताकि समय रहते स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सके।
मंत्री जोराराम कुमावत ने यह भी कहा कि रोग से मृत पशुओं का त्वरित और वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण कराया जाए ताकि संक्रमण फैलने की आशंका न रहे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बीमारी की रोकथाम और बचाव के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में सभी पशु चिकित्सा संस्थानों के कार्मिक क्षेत्र के पशुपालकों को जागरूक करें, ताकि पशुपालक समय पर अपने पशुओं का उपचार करवा सकें और पशुधन की हानि से बचा जा सके।
इसके अलावा मंत्री कुमावत ने जिलों में मिनरल मिक्सर और आवश्यक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी बल दिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि दवाइयों की कमी किसी भी स्थिति में नहीं होनी चाहिए। अधिकारीगण समय-समय पर इस व्यवस्था की समीक्षा करें ताकि रोग नियंत्रण में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।
गौरतलब है कि कर्रा रोग मुख्य रूप से पशुओं में हरे चारे तथा कैल्सियम और फास्फोरस की कमी के कारण होता है। इस स्थिति में पशु मृत पशुओं की हड्डियों को खाना शुरू कर देते हैं, जिससे बोचुलिज्म रोग के बैक्टीरिया उनके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और बीमारी फैल जाती है। पशुपालन मंत्री ने पशुपालकों से भी अपील की कि वे अपने पशुओं को कैल्सियम और फास्फोरस युक्त आहार दें ताकि इस रोग से बचाव हो सके और पशुओं का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।
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