दिव्यांग सेवा संस्थान झालाराम देवासी तन से नहीं मन से महान
पाली दिव्यांग सेवा संस्थान झालाराम देवासी तन से नहीं मन से महान मेरे लिये आज 22 जनवरी, 2023 का दिन बहुत ही शुभ रहा आज दिव्यांग सेवा संस्थान के नये भवन का 12 बजे पाली में उद्घाटन किया गया.
इस संस्था के प्रवर्तक झालाराम देवासी का शरीर अस्सी प्रतिशत दिव्यांग हैं, लेकिन मन से सेवा करने में वे हमसे कई गुना शक्तिशाली हैं वर्षों से वे यह संस्था चला रहे हैं जिसमें मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को लाया जाता है और उनके पालन पोषण के साथ उन्हें जीवन जीने के लिए एक ख़ुशनुमा वातावरण उपलब्ध कराया जाता है पहले वे किराए पर मकान लेकर बच्चों को वहाँ रखते थे.
न्यूज़ डीके देवासी कोठार को जानकारी देते हुए बताया गया की लेकिन अब दानदाताओं की मदद से उन्होंने एक सुंदर भवन बनाया है जिसने एक राम मंदिर भी बनाया गया है इन बच्चों के लिए यहाँ आधुनिक सुविधाएँ मिल सकेंगी ये बच्चे बहुत ही भावुक होते हैं. मेरी उनसे यह दूसरी मुलाक़ात है जब मैं उनके बीच में बैठा हुवा था तब उद्घाटन पर बरसाए गए कुछ फ़ुल मेरे सिर पर पड़े हुए थे. मेरे पीछे बैठे एक बच्चे ने अपने हल्के हाथों से धीरे से वे फ़ुल हटा दिया मुझे बहुत अच्छा महसूस हुवा की ये बच्चे कितने कैरिंग हैं इनके अपने सपने हैं. इनमें से एक बच्चे का नाम फ़ौजी रख दिया है, जब भी मैं उससे मिलता हूँ तो वह कहता है “ मैं अफ़सर बनूँगा “ वह एक फ़ौजी की तरह सेल्यूट मारता है और दूसरे ही लाइन में कहता है “ मैं अपने माँ बाप की बहुत सेवा करूँगा “ वह जानता भी नहीं की उसके माँ बाप कौन हैं ?
बस वह रोड पर पड़ा हुवा था और सूचना मिलने पर झालाराम देवासी ने बड़ी मुश्किल से उसे अपनी कार मैं बैठाया और संस्थान में लाए , उसे नहलाया और बहुत दिनों तक सेवा की तब उसे विश्वास हो गया की ये व्यक्ति उसका हितेषी है ऐसी ही हर बच्चे की अपनी एक कहानी है पहले फोटो में जो वृद्ध महिला बैठी है वे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की माँ हैं उनके पास में बैठा एक बच्चा ज़ोर से चिल्लाया “ अरे, ये तो माँ है “ उसकी आँखों में मैंने आंसू देखे शायद वह यही जानता है कि हर वृद्ध महिला उसकी माँ है.
कैसी विडंबना है कि हम बुद्धिमान लोग जिन्हें मंद बुद्धि कह देते हैं उनके लिए सब इंसान अपने हैं , कोई पराया भी नहीं है