धर्म कर्म शिवभक्त प्रभातफेरी भजन मण्डली एवं सहयोगी संस्था शिवनंदी गौशाला की अनुठी पहल

- पाली
प्रभातफेरी से हिन्दू संगठन की एकता और परिवार के बच्चों में हो रहे हैं संस्कार के भाव जागृत।
शिवभक्त प्रभातफेरी भजन मण्डली राजेन्द्र नगर पाली द्वारा प्रतिदिन 5:00 से 6:00 बजे तक प्रभातफेरी निकाली जा रही है। इससे सनातन हिन्दू धर्म की एकता को बल मिल रहा है वहीं परिवार के सदस्यों विशेष कर बच्चों में अपने धर्म के प्रति धार्मिक संस्कार जागरूक हो रहे हैं।
बताया जाता है कि एक वर्ष पहले जब प्रभातफेरी शुरू की गई थी तब उसमें केवल 4-5 लोग ही होते थे, जिसमें भोपालसिंह, छोटमल तिवारी, मास्टर कालूराम जाट, बाबूलाल जांगिड़ डिगरना, और गोपाल सिंह शेखावत, बाद में उसमे गजराज, ओमप्रकाश माली, खीमदास वैष्णव और प्रेमराज लखारा चार और जुड़कर नौ दस हो गये। फिर तो कारवां बढ़ने लगा मातृशक्ति भी जुड़ने लगी।
भजन मण्डली संस्थापकों में से एक सदस्य बाबुलाल जांगिड़ डिगरना बताते हैं कि प्रभातफेरी आरम्भ करने के दो तीन माह बाद परमात्मा की कृपा से हमारे मन में विचार आया कि प्रभातफेरी के बाद घर-घर किर्तन कर लोगों में धार्मिक और सांस्कृतिक भाव जागरूक करें, जिससे हिन्दू समाज की एकता एवं सामंजस्य को बल और गृहस्वामी को अतिथि सत्कार का पुण्य फल दोनों साथ मिल जावें।
इसके लिए प्रभातफेरी निकालने के बाद भजन मंडली के सदस्यों के घर पर भजन किर्तन का आयोजन करते जिसमें आस पड़ोस के लोग भी सम्मिलित होकर भजन सत्संग का लाभ लेने लगे। इससे दुसरो को भी प्रेरणा मिली धीरे धीरे वे भी जुड़ने लगे।
देखते ही देखते घर पर बुलाकर सत्संग करवाने वालों का तांता लग गया। अब तो घर पर बुलाकर सत्संग करवाने वालों की बकायदा अग्रिम बुकिंग होने लगी है।
प्रभातफेरी के बाद जिसके घर पर भी सत्संग किर्तन आयोजित होता है वहां सभी भक्तजन और मोहल्ले वाले भेदभाव भूलकर अत्यन्त श्रद्धा भक्ति से भजन किर्तन करते हैं। इससे परिवार के सभी छोटे बड़े सदस्यों के मन में बड़े बुजुर्ग और सभी 36 कौम के लोगों की सेवा करने का भाव जागृत होता है ।
परिणाम स्वरूप बच्चों को धार्मिक और सामाजिक संस्कार मिलने लगे। भजन किर्तन के बाद गृहस्वामी अपनी श्रद्धा और हेशियत अनुसार भजनी मण्डली और वहां सुनने आने वालो के लिए प्रसाद और भोजन आदि की व्यवस्था करते हैं। और अपनी सामर्थ्य अनुसार दान देते हैं।
जिसमें से 500/- रूपये गौ शाला के लिए और इससे अधिक जो मिलता है वह कबुतरो के चुंगा और आशियाना के लिए रखा जाता है। इस प्रकार करते करते कबूतर आशियाना के लिए करीबन 15 लाख से अधिक राशि एकत्रित हो गई तो गुजरात की एक फर्म को महादेव बगीची राजेन्द्र नगर में कबुतर आशियाना बनाने का ठेका 15 लाख 51 हजार में दिया गया है जिसका काम चालू हो गया है उम्मीद है साल भर में कबूतर आशियाना तैयार हो जायेगा।
शिवनंदी गौशाला की स्थापना करीब दस साल पहले ही हुई है, जिसके प्रथम अध्यक्ष सत्यनारायण सिंह राजपुरोहित और कोषाध्यक्ष बाबुलाल जांगिड़ डिगरना बने। अब गौशाला के अध्यक्ष पप्पूराम पुत्र भभूतमल शर्मा है जिसके नैतृत्व में गौशाला की व्यवस्था अच्छी चल रही है।
शिवभक्त प्रभातफेरी भजन मण्डली और शिवनंदी गौशाला दोनों एक दुसरे के पूरक हैं भजन मण्डली में सब निष्काम कर्म योगी और भक्त जन है इसलिए इसकी कोई कार्यकारिणी नहीं है सब अपने को गौ सेवक और भक्त ही समझते और कहलाता पसंद करते है।
आजकल प्रसिद्ध भजन गायक एक भजन संध्या के हजारों रुपए एडवांस लेकर कार्यक्रम आयोजित करते हैं। उसमें वह भाव और भक्ति दिखाई नहीं देती जो शिव भक्त भजन मण्डली में दिखाई देती है। इसका कारण यह है कि पैसे लेकर भजन बोलने वाले भजन गायक से तबला वादक तक सब केवल पैसों के लिए भजन बोलते हैं ।
इसलिए उनका प्रभाव श्रोताओं और दर्शकों नहीं पड़ता। जबकि शिवभक्त प्रभातफेरी भजन मण्डली द्वारा निःशुल्क श्रद्धा भक्ति से भजन किया जाता है, इसलिए इन भक्तों के कण्ठ से निकलने वाली तरंगें श्रोताओं और दर्शकों के मन से हृदय पर पड़कर मस्तिष्क में भक्तिभाव जागृत करती है।