पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर राजस्थान में 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा- राज्य में सात दिन तक राजकीय कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे
जयपुर, 27 दिसंबर।
राज्य सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर प्रदेश में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। स्वर्गीय मनमोहन सिंह के सम्मान में राज्य में 26 दिसंबर, 2024 से 1 जनवरी 2025 तक सात दिन के राजकीय शोक रहेगा। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे तथा किसी भी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन गुरुवार को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हो गया। भारत सरकार द्वारा स्व. डॉ. मनमोहन सिंह को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। अंतिम संस्कार के दिन सभी राजनयिक मिशनों एवं विदेशों में भी उच्चायोगों में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की जीवनी
डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 13वें प्रधानमंत्री थे और उन्होंने 2004 से 2014 तक दो कार्यकालों तक इस पद पर कार्य किया। वे भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री थे और अपनी सादगी, विद्वता और आर्थिक सुधारों के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रारंभिक जीवन तथा शिक्षा:
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को गाह (जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है) में हुआ था। भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय उनका परिवार भारत आ गया। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की। इसके बाद वे केंब्रिज विश्वविद्यालय गए, जहां से उन्होंने अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी में डिग्री प्राप्त की। बाद में उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से “इंडिया का व्यापार और मुद्रास्फीति” विषय पर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
पेशेवर जीवन:
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपना करियर अकादमिक के रूप में शुरू किया। वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और पंजाब विश्वविद्यालय में पढ़ाते रहे।उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसे संगठनों में भी काम किया। 1970 के दशक में वे भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में शामिल हुए।
राजनीति में प्रवेश:
डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिंह राव के कार्यकाल में भारत के वित्त मंत्री के रूप में राजनीति में प्रवेश किया।
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आर्थिक सुधारों के वास्तुकार:
1991 में भारत आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा था। उस समय डॉ. सिंह ने उदारीकरण, वैश्वीकरण और निजीकरण जैसे सुधार लागू किए, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में नई जान आई।
प्रधानमंत्री के रूप में:
2004 में, कांग्रेस पार्टी ने डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया। पहला कार्यकाल (2004-2009) तक रहा तथा उनका पहला कार्यकाल स्थिरता, ग्रामीण रोजगार योजनाओं (मनरेगा) और आर्थिक विकास के लिए जाना जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री का दूसरा कार्यकाल (2009-2014) तक रहा. इस अवधि में भारत ने कई चुनौतियों का सामना किया, जैसे भ्रष्टाचार के आरोप (2G स्पेक्ट्रम घोटाला, कोयला घोटाला) और राजनीतिक अस्थिरता।
व्यक्तिगत जीवन तथा सम्मान:
डॉ. मनमोहन सिंह की शादी गुरशरण कौर से हुई। उनकी तीन बेटियां हैं। वे सादगी और ईमानदारी के प्रतीक माने जाते हैं। डॉ. मनमोहन सिंह को उनके कार्यों के लिए अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले। 1987 में, उन्हें “पद्म विभूषण” से सम्मानित किया गया। वे अपनी विद्वता और शांत स्वभाव के लिए पूरे विश्व में सम्मानित हैं। डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो ज्ञान, ईमानदारी और कड़ी मेहनत से समाज में बदलाव लाना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर व्यक्त की शोक संवेदना
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। शर्मा ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने तथा उनके परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर राज्यपाल की शोक संवेदना
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह का निधन अपूरणीय क्षति है। उन्होंने ईश्वर से उनकी पुण्यात्मा को शांति प्रदान करने और परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का निधन देश के लिए एक अपूर्णीय क्षति
गहलोत ने कहा की डॉ साहब सरल, सौम्य एवं ईमानदार के धनी थे। भारत के आर्थिक विकास, अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता एवं दुनिया में भारत को आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने में मनमोहन सिंह जी का बहुत बड़ा योगदान है। वित्त मंत्री के रूप में भारत को नई दिशा देने वाला आर्थिक उदारीकरण जैसा बड़ा कदम उठाया।
प्रधानमंत्री के रूप में आपके कार्यकाल में राजस्थान को विशेष सहयोग मिला जिससे कारण पचपदरा रिफाइनरी जैसी बड़ी सौगात मिली। आपके कार्यकाल को अधिकार आधारित राजनीति की शुरुआत के लिए भी याद रखा जाएगा।
एक सामान्य पृष्ठभूमि से निकलकर अर्थशास्त्री, रिजर्व बैंक के गवर्नर, वित्त मंत्री, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं प्रधानमंत्री तक का आपका सफर सभी के लिए प्रेरणादायक है। आपको हमेशा याद किया जाएगा डॉ मनमोहन सिंह जी।