बाली उपखण्ड मे स्थित राजस्व गांव सैणा के आम निवासियों ,पशुपालकों के लिए जवाई बांध वर्षा ऋतु में पानी से भर जाने पर 3-4 महिने के लिए आफत बन जाती है
सरपंच मीनाक्षी मीणा ने बताया कि इस समय पुरा गांव तीन ओर से जवाई बांध के पानी से घिरा हुआ है !गांव मे प्रवेश के लिए केवल एक ही सडक मार्ग है।
यहां तक कि करीब 10-15 रहवासी मकान तो जवाई बांध के पानी मे आते है। पशु पालकों के लिए गम्भीर समस्या है। रोज करीब एक किलोमीटर से ज्यादा स्व निर्मित नाव मे सवार होकर पशुओं को जवाई बांध के पानी को पशुओं के साथ जान जोखिम मे डाल कर पार करते है। सुबह -शाम दोनों समय पानी पार करते हुए आवागमन करते है।
मगरमच्छों का भय है। हाल ही महिने भर पहले एक चरवाहे पर मगरमच्छ ने हमला कर घायल किया था। जवाई बांध भर जाने पर स्थानीय लोगों के पास रोजगार के सभी विकल्प ठप्प हो जाते है। खेती के लिए जमीन जवाई बांध डुब क्षैत्र है जो पानी से डुब जाती है। गांव के तीनों ओर पानी भरा होने के कारण मच्छरों की भरमार है। बिमारी फैलती है। पशुओं के चरने के लिए जमीन नही है। गांव के तीन ओर पानी भरा हुआ है। केवल गांव एक तरफ जो बाहरी भुमि है जहा जगह -जगह होटलें बन रही है। तारबंदी है।