बाली में साध्वी भगवंतों का चातुर्मास प्रवेश – ज्ञानगंगा में डुबकी का सुनहरा अवसर

- बाली
आज बाली नगर में एक विशेष आध्यात्मिक आयोजन का साक्षी बना, जब प.पूज्य आचार्य श्री चिंदा नंद जी महाराज साहेब की पावन निश्रा में जैन साध्वी भगवंतों का भव्य चातुर्मास प्रवेश संपन्न हुआ। यह शुभ अवसर श्री ओसवाल जैन संघ के तत्वावधान में आयोजित हुआ।
इस अवसर पर प.पू. गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी की समुदायवर्तिनी सा. श्री सुमंगलाश्रीजी एवं विदुषी श्री प्रफुल्लप्रभाश्रीजी की प्रशिष्या साध्वी श्री सौम्यकलाश्री, कुमुदकलाश्री और काव्यकलाश्री महाराज साहेब (ठाणा-3) ने चातुर्मास प्रवेश किया।
चातुर्मास यात्रा प्रताप चौक से आरंभ होकर बैंड-बाजों, ढोल-नगाड़ों की मधुर ध्वनि तथा सैकड़ों समाजजन, माताओं और बहनों की सहभागिता के साथ संपन्न हुई।
इस अवसर पर आचार्य श्री चिंदा नंद जी महाराज ने प्रवचन में श्रद्धालुओं से आग्रह किया,
“बाली में तीन साध्वी भगवंतों का चातुर्मास एक सुनहरा अवसर है। ज्ञान की गंगा प्रवाहित होने वाली है — जितना तैर सको, तैरो। धर्म का ज्ञान देना साध्वी भगवंतों का कार्य है, और उसे ग्रहण करना आपका कर्तव्य है।”
विशिष्ट उपस्थिति
- संघ अध्यक्ष बाबूलाल मंडलेशा
- ट्रस्टी एवं पूर्व विधायक अमृत परमार
- सचिव कांतिलाल कितावत
- बाली जैन मित्र मंडल अध्यक्ष नरेंद्र परमार
- सह सचिव श्रीपाल कितावत
- ट्रस्टियों में प्रकाश धोका, रणजीत बाफना, बस्तीमल मेहता
- अन्य गणमान्य: इंदरराज भंडारी, प्रवीण कितावत, सुरेश राठौड़, महेंद्र राठौड़, भरत राठौड़, प्रकाश कितावत, उत्तम कितावत, सुरेश धोका, मदन कितावत, रमेश भंडारी, राकेश मुनोत, चेतन मुनोत, महावीर सिरोया, सुकन जैन, दिनेश एस.पी., इंदरमल जैन इत्यादि।
इस मंगल अवसर पर कांबली का चढ़ावा मीठी मां परिवार द्वारा लिया गया।कार्यक्रम का कुशल संचालन अशोक गेमावत ने किया।