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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का तीखा हमला: निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी को कहा ‘छुट्टा सांड’- सौर ऊर्जा टावर विवाद के बाद भाटी पर मामला दर्ज

जयपुर। राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें ‘छुट्टा सांड’ कहा। यह बयान तब आया जब पुलिस ने भाटी के खिलाफ सरकारी अधिकारियों को धमकाने और राजकाज में बाधा डालने के आरोप में मामला दर्ज किया।

भाजपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय बने ‘किंगमेकर’

2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने पर रविंद्र भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 5.87 लाख वोट बटोरे। हालांकि, भाजपा ने उन्हें टिकट देने से परहेज किया, जिसके चलते वे पार्टी के लिए चुनौती बन गए।

सौर ऊर्जा टावर विवाद ने बढ़ाई भाटी की मुश्किलें

भाटी ने बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र में सौर ऊर्जा कंपनियों द्वारा किसानों की जमीन पर हाईटेंशन टावर लगाने के खिलाफ मोर्चा संभाला। उनके नेतृत्व में विरोध के बाद कंपनियों को 50 हजार से बढ़ाकर 4 लाख रुपये प्रति टावर मुआवजा देना पड़ा। इसके बावजूद नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर उन पर अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में 8500 करोड़ रुपये के निवेश को अटकाने का आरोप लगाया।

भाटी ने दिया पलटवार

मदन राठौड़ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाटी ने कहा, “मेरे परिवार ने मुझे बड़ों का आदर करना सिखाया है, और मैं ऐसा ही करता रहूंगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जनता के हक के लिए लड़ने में अगर उनके खिलाफ 30 मुकदमे भी दर्ज हो जाएं, तो वे इसे गर्व के साथ स्वीकार करेंगे।

भाजपा के लिए नासूर बने भाटी

भाटी ने शिव विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी स्वरूप सिंह खारा को हराकर पार्टी को बड़ा झटका दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले के कारण भाजपा उम्मीदवार कैलाश चौधरी को हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने भाटी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें पार्टी विरोधी और फ्री एजेंट करार दिया।

सरकार की दखल के बाद मामला दर्ज

मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन और डीजीपी के निर्देश पर भाटी के खिलाफ शिव थाने में मामला दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भाटी के कारण अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को बाधा पहुंच रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाटी की बढ़ती लोकप्रियता भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।

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