महर्षि वाल्मीकि के जीवन से प्रेरणा ले – माली
- सादड़ी
महर्षि वाल्मीकि आदि कवि थे। उन्होंने रामायण जैसा श्रेष्ठ कालजयी कृति हमें दी।
कला ,साहित्य,ज्ञान विज्ञान के मर्मज्ञ महर्षि वाल्मीकि मानवीय मूल्यों के संवाहक थे।हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उक्त उद्गार प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय पीएम श्री श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में वाल्मीकि जयंती पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किए।
माली ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि के साहित्यिक अवदान पर हमें गर्व होना चाहिए। उनकी कालजयी कृति रामायण को सभी को पढ़ना चाहिए।इस अवसर पर मधु गोस्वामी महावीर प्रसाद कन्हैयालाल ने भी महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर प्रकाश डाला। इससे पहले कविता कंवर मनीषा ओझा के निर्देशन में भाषण निबंध चार्ट निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया गया।मंच संचालन प्रकाश कुमार शिशोदिया ने किया।इस अवसर पर वीरमराम चौधरी रमेश सिंह राजपुरोहित रमेश कुमार वछेटा मनीषा सोलंकी व गजेंद्र सिंह समेत समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
इसी प्रकार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जाटों की डोरन में भी अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर से वाल्मीकि जयंती पर प्रधानाचार्य महेंद्र देवपाल के सानिध्य में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें उप प्राचार्य नारायण लाल हिंगड़ ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर जसाराम चौधरी फूली कुमारी मोहनलाल कालुराम विक्रम सिंह जुगराज माली समेत समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
सेवा भारती द्वारा संचालित समस्त सेवा प्रकल्पों पर भी वाल्मीकि जयंती का आयोजन हर्षोल्लास से किया गया। सेवा भारती जिला प्रचार प्रमुख दिनेश लूणिया ने बताया कि बाल संस्कार केन्द्र अंबेडकर नगर, मेघवालों का बड़ा बास , रेतरला बस्ती, मीणों का अरट में क्रमश भावना रिंडर, कुसुम भाटी, भावना कालबेलिया व तरुणा मीणा के निर्देशन में भैया बहनों ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन प्रसंग सुनाए। सिलाई व कसीदा प्रशिक्षण केन्द्र पर भी महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर शिक्षिका करिश्मा व कंचन ने प्रकाश डाला।