महिलाओं ने हर्षोल्लास से मनाई करवा चौथ, कथा सुनकर किया पारम्परिक पूजन

करवा चौथः 16 श्रृंगार के बाद चंद्रमा का इंतजार…देखा चांद, अर्घ्य अर्पित किया,पति के हाथों पानी पीकर खोला व्रत
गुरलां शरद बयार, पूजन की थाली, सोलह श्रृंगार, श्रद्धा, भक्ति, प्रेम, त्याग व समर्पण का भाव, दिनभर निर्जल निराहार और फिर चांद के नजर आने का इंतजार। जैसे ही चांद के दीदार हुए तो चंदा की रोशनी में महिलाएं चेहरे चमक उठे। अवसर था, कार्तिक कृष्ण चतुर्थी यानी शुक्रवार को करवा चौथ का। कुछ इसी तरह के माहौल में महिलाओं ने श्रद्धा, समर्पण व विश्वास का पर्व करवा चौथ मनाया। महिलाओं ने निर्जल-निराहार रहकर व्रत रखा। दिनभर भूखे-प्यासे रहकर रात को चन्द्रमा को अर्घ्य अर्पित । किया व सुहाग के अमरत्व की कामना की। पति के हाथों पानी पीकर व्रत खोला। बाद में पतियों ने उपहार व दिए। इससे पहले महिलाएं दिनचर्या के कामकाज निपटाकर पर्व की तैयारीयां में जुट गई शाम को चन्द्रोदय से पहले सारी तैयारी कर पूजन शुरू किया। कहीं परिवार के साथ तो कहीं आसपड़ौस की महिलाओं के संग सामूहिक रूप से पूजन करती हुई नजर आई। छलनी की ओट से चांद को देख अर्घ्य अर्पित कर पति के हाथों पानी पीकर व्रत खोला

कहानी सुनी, लिया आशीर्वाद
माता पार्वती और भगवान गणेश के साथ चौथ माता की पूजा-अर्चना की। साथ ही करवा चौथ की कथा सुनी। नव विवाहिताओं में पर्व के प्रति विशेष उत्साह रहा। घर की बुजुर्ग महिलाओं मां, सास, ननद आदि से व्रत करने की विधि समझी। कई जगह पतियों ने पत्नी की लंबी उम्र के लिएव्रत रखा। साथ ही सोशल नेटवर्क पर तस्वीरें साझा की। पति के हाथों से जल और मिठाई ग्रहण किया। पति ने ज्वैलरी व मोबाइल फोन सहित अन्य उपहार दिए। इससे पूर्व सुबह बायना कल्प कर सुहाग की सामग्री घर की महिलाओं को दी। नवविवाहिताओं के पीहर पक्ष से करवा, साड़ी और उपहार भेजे गए।












