यूपी: नकली नोटों के छापेमार ठिकाने पर छापा, 10 करोड़ के नकली नोट बरामद
उत्तर प्रदेश के एक खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने एक छापेमारी में लगभग 10 करोड़ रुपये मूल्य के नकली नोट बरामद किये हैं। यह ऑपरेशन उस गिरोह के ठिकानों पर हुआ, जहाँ लुप्त नोटों की छपाई, डिजाइनिंग और वितरण की जाती थी। कई अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जांच जारी है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक नकली नोट निर्माण गिरोह का पर्दाफाश किया, छापेमारी में करोड़ों की नकदी, प्रिंटिंग मशीनें और अन्य साज-सज्जा जब्त
यूपी राज्य की राजधानी या किसी अन्य जिले में पुलिस ने पिछले रात एक बड़े छापे में नकली नोटों के निर्माण की फैक्ट्री का निराकरण किया है। खुफिया तंत्र को सूचना मिली थी कि गिरोह राज्य-सीमा से लेकर अन्य राज्यों तक नकली Indian Currency Notes (FICN) विकसित कर रहा है और उन्हें बाजार में अवैध रूप से प्रवाहित कर रहा है।
छापेमारी के दौरान पुलिस टीम ने उस परिसर को घेर लिया और अंदर कई कमरे, गोदाम और आउटहाउस पर तलाशी ली। मौके पर मशीन, प्रिंटर, लैपटॉप, डिजिटल डिजाइनिंग सामग्री, खरीदी गए कागज और सुरक्षा धागे, इंक, कटिंग उपकरण और अवधिपूर्ण (in-process) नकली नोटों की बंडलिंग एवं पैकेजिंग सामग्री बरामद की गई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पहली जाँच में लगभग 10 करोड़ रुपये मूल्य के नकली नोटों का आकलन किया गया है जो अभी पूरी तरह प्रक्रिया में थे। इसके अलावा कई जिलों में नकदी वितरण की योजना के दस्तावेज, लॉजिस्टिक नेटवर्क का विवरण और ट्रांसपोर्ट वाहनों की सूचना मिली है।
कई अभियुक्तों को हिरासत में लिया गया है। उनमें से कुछ गिरोह के डिजाइनर, निर्माता और वितरण बिंदु संचालक बताए जा रहे हैं। पूछताछ जारी है और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह का नेटवर्क कितने राज्यों तक फैला है।
राज्य सरकार और पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने सार्वजनिक सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से कहा है कि नकली नोट प्रचलन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जल्द ही एक प्रेस वार्ता में पुलिस जप्त सामान, गिरोह संरचना और आगे की कार्रवाई की जानकारी देगी।
यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि फर्जी मुद्रा निर्माण एक संगठित अपराध है, और इसे रोकने के लिए खुफिया तंत्र, पुलिस, वित्तीय जांच एजेंसियों और सार्वजनिक चेतना सभी को मिलकर काम करना होगा।










