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राजस्थान: प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में संविधान, विकास और एकता पर दिया देशवासियों को संदेश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ में देशवासियों को किया संबोधित, कहा ‘संविधान हमारे लिए गाइडिंग लाइट’ -मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सुना प्रधानमंत्री का उद्बोधन

जयपुर/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 117वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री निवास पर मंत्रिपरिषद के सदस्य, सांसद, एवं विधायकगण के साथ प्रधानमंत्री के संबोधन को सुना।

प्रधानमंत्री का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2025 में 26 जनवरी को संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने संविधान को “हमारे लिए गाइडिंग लाइट और मार्गदर्शक” बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 26 नवंबर से संविधान दिवस के उपलक्ष्य में एक वर्ष तक चलने वाली गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं।
देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए constitution75.com नामक एक विशेष वेबसाइट भी बनाई गई है। इसमें नागरिक संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं।


मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का वक्तव्य

  • मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा,

“प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ के उद्बोधन सदैव देशवासियों के लिए प्रेरणादायी होते हैं। इसे सुनकर नवीन ऊर्जा का संचार होता है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ‘विकसित भारत’ के पथ पर तेजी से अग्रसर है।
स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, वाणिज्य, रक्षा, तकनीक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में भारत ने अभूतपूर्व प्रगति अर्जित की है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन से विकास का इंजन दोगुनी रफ्तार से दौड़ रहा है, जिससे युवाओं, महिलाओं, किसानों एवं गरीबों का कल्याण सुनिश्चित हो रहा है।


महाकुंभ: अनेकता में एकता का प्रतीक

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आगामी महाकुंभ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो रहा है। इसकी विशेषता केवल इसकी विशालता में नहीं, बल्कि विविधता में भी है।

“इस आयोजन में करोड़ों लोग, लाखों संत, सैकड़ों संप्रदाय और अनेक अखाड़े भाग लेते हैं। यहां कोई भेदभाव, बड़ा-छोटा नहीं होता। यह अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य है, जो विश्व में कहीं और नहीं दिखता।”
प्रधानमंत्री ने महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं से एकता का संकल्प अपने साथ ले जाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार प्रयागराज में डिजिटल महाकुंभ का आयोजन होगा।


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स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की बड़ी उपलब्धियां

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की दो महत्वपूर्ण उपलब्धियों का उल्लेख किया:

1. मलेरिया पर विजय:

  • मलेरिया 4,000 वर्षों से मानवता के लिए बड़ी चुनौती रहा है।
  • डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 से 2023 के बीच भारत में मलेरिया के मामलों और मौतों में 80% की कमी आई है।

2. कैंसर के खिलाफ लड़ाई:

  • आयुष्मान भारत योजना ने कैंसर के इलाज में मदद की है।
  • जनजागरूकता और समय पर इलाज की वजह से लगभग 90% मरीज समय पर इलाज शुरू कर पा रहे हैं।
कैंसर के मुकाबले के लिए प्रधानमंत्री के तीन मंत्र- अवेयरनेस, एक्शन और एश्योरेंस।

एफपीओ: किसानों की सफलता की कहानी

प्रधानमंत्री ने उड़ीसा के कालाहांडी जिले का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां के किसानों ने एफपीओ (किसान उत्पाद संघ) के माध्यम से सब्जी क्रांति लाई है।

  • गोलाकुंडा ब्लॉक में 10 एफपीओ की स्थापना की गई।
  • 200 किसानों (जिनमें 45 महिलाएं शामिल हैं) का इससे जुड़ाव है।
  • इसका वार्षिक टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
    प्रधानमंत्री ने छोटे प्रयासों से बड़े बदलाव लाने का संदेश देते हुए कहा कि एफपीओ को प्रोत्साहित करना जरूरी है।

संस्कृति और फिल्म जगत की भूमिका

प्रधानमंत्री ने देश की सांस्कृतिक विरासत, फिल्म एवं एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की क्षमता, फिल्म जगत की कई हस्तियों के योगदान और बस्तर ओलंपिक पर भी विस्तार से चर्चा की।

प्रधानमंत्री के इस संबोधन ने हर वर्ग के लोगों को प्रगति, एकता और जागरूकता के संदेश के साथ प्रेरित किया।

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