राज्य वन्यजीव मंडल की 15वीं बैठक: राजस्थान में वन्यजीव संरक्षण को मिली नई गति | मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने की बड़ी घोषणाएं

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में राज्य वन्यजीव मंडल की 15वीं बैठक का आयोजन सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर किया गया। इस बैठक में वन्यजीव संरक्षण, जैव विविधता के संवर्धन, और पर्यावरणीय संतुलन को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री भजनलाल ने कहा, “वन्यजीव और जंगल हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत हैं। इनका संरक्षण पुण्य के समान है और यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।”
🌿 मुख्य बिंदु: राज्य वन्यजीव मंडल की बैठक के प्रमुख निर्णय
✅ 89 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली
बैठक में 65 पूर्व स्वीकृत प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।
इसके अतिरिक्त 24 नए प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
ये सभी निर्णय राज्य में वन्यजीव संरक्षण व संवर्धन को गति देने में सहायक होंगे।
🌳 वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण के लिए नई योजनाएं
🌧️ मानसून में लगाए जाएंगे 10 करोड़ पौधे
राज्य सरकार ने आगामी मानसून में 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है। यह कदम राजस्थान को हरित राज्य की दिशा में अग्रसर करेगा।
👥 हर गांव-हर शहर में ‘वन मित्र’ और ‘वृक्ष मित्र’ की नियुक्ति
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के प्रत्येक गांव और शहर में वन मित्र तथा वृक्ष मित्र बनाए जाएं। इनकी भागीदारी से पर्यावरण संरक्षण में आमजन की भूमिका सशक्त होगी।
🐘 वन्यजीवों के संरक्षण के लिए विशेष पहल 📢 जनभागीदारी को दी जाएगी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्यजीव प्रबंधन में जनता की भागीदारी बढ़ाई जाए और इसके लिए जनजागरूकता अभियान चलाए जाएं।
🦢 साइबेरियन क्रेन की वापसी के लिए कार्ययोजना
राजस्थान में साइबेरियन क्रेन जैसे प्रवासी पक्षियों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए।
🔍 प्रभावी मॉनिटरिंग पर जोर
वन विभाग को वन्यजीवों की सुरक्षा, मॉनिटरिंग और संरक्षण गतिविधियों की सक्रिय निगरानी करने के निर्देश दिए गए।
🌱 वन क्षेत्र सुधार और हानिकारक पौधों के उन्मूलन की योजना
लैन्टाना उन्मूलन की एसओपी को स्वीकृति।
जूली फ्लोरा पौधों को हटाने और उनके स्थान पर देशी प्रजातियों के पौधे लगाने के निर्देश।
इन अभियानों में जन सहयोग से कार्यवाही की जाएगी।
🏆 स्वयंसेवी संस्थाओं को मिलेगा समर्थन
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की जाएगी और राज्य सरकार उन्हें पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।
📸 बैठक में कौन-कौन रहा उपस्थित?
बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री संजय शर्मा, विभागीय अधिकारी, समिति सदस्य और विषय विशेषज्ञों की उपस्थिति रही। सभी ने मिलकर राज्य के वन्य क्षेत्रों में विकास के विविध प्रस्तावों पर गहन चर्चा की।
राज्य सरकार का यह प्रयास राजस्थान को न केवल वन्यजीव संरक्षण में अग्रणी राज्य बनाएगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय असंतुलन की चुनौतियों से लड़ने में भी कारगर साबित होगा। “प्रकृति का संरक्षण पुण्य समान है” – मुख्यमंत्री का यह संदेश प्रदेशवासियों को पर्यावरण सुरक्षा के लिए प्रेरित करता रहेगा।
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