लोक देवता बाबा रामदेव नेत्र कुंभ: 33 दिन में हुआ 1 लाख से अधिक नेत्र रोगी का ईलाज

राजस्थान की पवित्र भूमि रामदेवरा, जहाँ लोक देवता बाबा रामदेवजी की समाधि है, एक बार फिर इतिहास रच गई।
यहां 33 दिनों तक चला बाबा रामदेव नेत्र कुंभ 2025 2 सितंबर को भव्य समापन के साथ पूर्ण हुआ। इस सेवा यज्ञ ने न सिर्फ लाखों लोगों की आंखों को रोशनी दी, बल्कि सामाजिक एकता, सामुदायिक भागीदारी और सेवा धर्म की मिसाल भी पेश की।
आयोजन की झलकियां
पैरामीटर विवरण
| पैरामीटर | विवरण |
|---|---|
| आयोजन स्थल | रामदेवरा, जैसलमेर (राजस्थान) |
| आयोजन अवधि | 1 अगस्त – 2 सितंबर 2025 (33 दिन) |
| मुख्य आयोजक | सक्षम संस्था व 10 सहयोगी संगठन |
| लाभार्थी | 1,05,000+ लोगों की नेत्र जांच |
| निःशुल्क चश्मा वितरण | लगभग 90,000 |
| चिकित्सक दल | प्रतिदिन 20 नेत्र रोग विशेषज्ञ + 100 ऑप्टोमेट्रिस्ट और नर्सिंग स्टाफ |
| स्वयंसेवक | 500+ कार्यकर्ता देशभर से |
बाबा रामदेव: लोक देवता और सेवा के प्रतीक
बाबा रामदेवजी, जिन्हें हिंदू भगवान कृष्ण का अवतार मानते हैं और मुस्लिम समाज रामशाह पीर के रूप में पूजता है, समाज में समानता और समरसता के प्रतीक हैं।
उनका जीवन जाति-पांति, ऊंच-नीच से परे सर्व समाज के कल्याण के लिए समर्पित रहा। रामदेवरा की यह धरती उनकी उसी विरासत को जीवित रखे हुए है।
नेत्र कुंभ: सेवा की अनूठी मिसाल
इस ऐतिहासिक नेत्र कुंभ में आंखों की रोशनी बचाने और दृष्टिबाधित लोगों की मदद के लिए अद्वितीय कार्य किए गए:
- 1,05,000+ लोगों की नेत्र जांच
- 90,000 लोगों को निःशुल्क चश्मे
- 20 नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टरों की प्रतिदिन सेवाएं
- 100 ऑप्टोमेट्रिस्ट व नर्सिंग सहायक
- 500+ स्वयंसेवकों की निस्वार्थ भागीदारी
सक्षम संस्था के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री चंद्रशेखर ने बताया कि अब तक देशभर में आयोजित नेत्र कुंभों से 4,88,729 लोगों की जांच और 3,56,947 को निःशुल्क चश्मा-दवा वितरण हो चुका है।
शुभारंभ: मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन
इस महाआयोजन का उद्घाटन 31 जुलाई 2025 को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया। उन्होंने अस्थायी अस्पताल और चश्मा घर का लोकार्पण किया और स्वयं नेत्र जांच की प्रक्रिया का अनुभव भी लिया।
- राजस्थान सरकार ने इस आयोजन में सक्रिय सहयोग दिया।
- स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्रसिंह खींवसर ने “निरामय राजस्थान मिशन” की योजनाओं की जानकारी दी।
- चिकित्सा, गृह, परिवहन, विद्युत और जलदाय विभाग ने निरंतर सहयोग दिया।

समापन समारोह: राज्यपाल की गरिमामयी उपस्थिति
2 सितंबर 2025 को समापन अवसर पर राजस्थान के महामहिम राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने बाबा रामदेवजी की समाधि पर चादर चढ़ाई और भक्त शिरोमणि डाली बाई की समाधि के दर्शन किए।
समारोह में:
- राज्यपाल बागड़े ने अध्यक्षता की
- डॉ. कृष्ण गोपाल (सह सरकार्यवाह, संघ) मुख्य अतिथि रहे
- जैसलमेर CHMO डॉ. राजेंद्र पालीवाल सहित कई कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया
राज्यपाल ने कहा:
“सनातन संस्कृति आज भी उतनी ही प्रबल है। सेवा करने वाला ही पूजनीय बनता है।”
सामाजिक समरसता और एकता का संदेश
नेत्र कुंभ ने बाबा रामदेवजी के हिंदू-मुस्लिम एकता और सामाजिक समानता के संदेश को और मजबूत किया।
डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा:
“बाबा रामदेव जी ने वंचित समाज को जागृत किया। आंखें ईश्वर का अनमोल उपहार हैं और उनकी रक्षा हमारा कर्तव्य है।”
सामुदायिक सहयोग और भामाशाहों की भूमिका
- इस आयोजन में स्थानीय समाज और देशभर के भामाशाहों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
- मुंबई के उद्यमी नरसी कुलरिया ने सहयोग को अपना सौभाग्य बताया।
- क्षेत्र प्रचारक निंबाराम जी ने कहा कि “मरुधरा के व्यवसायियों ने अपनी सफलता का लाभ समाज उत्थान में लगाया है।”
- पोकरण विधायक प्रतापपुरी जी ने प्रतिवर्ष रामदेवरा में इस तरह के नेत्र शिविर आयोजित करने का संकल्प व्यक्त किया।
- सक्षम संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष दयालसिंह पंवार ने बताया कि आयुष और होम्योपैथी चिकित्सक भी प्रतिदिन सेवाओं में शामिल रहे।
सेवा धर्म का जीवंत उदाहरण
- बाबा रामदेव नेत्र कुंभ 2025 ने यह सिद्ध कर दिया कि जब समाज और संगठन मिलकर कार्य करते हैं तो असंभव भी संभव हो जाता है।
- यह आयोजन केवल नेत्र जांच शिविर नहीं रहा, बल्कि सामाजिक समरसता, सेवा और सांस्कृतिक एकता का पर्व बन गया।
- लाखों लोग लाभान्वित हुए और सेवा धर्म की परंपरा और मजबूत हुई।
लोकमान्य तिलक का विचार आज साकार हुआ:
“धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं हैं। असली भावना यही है कि हम केवल अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए काम करें।”
बाबा रामदेवजी के आशीर्वाद से यह आयोजन आने वाले वर्षों में और बड़े स्तर पर समाज को लाभान्वित करेगा।












