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संत शिरोमणि रविदास जयंती पर भव्य आयोजन, समाज के गणमान्य लोग हुए शामिल

रायपुर – संत शिरोमणि रविदास की जयंती के उपलक्ष्य में एक भव्य आयोजन संपन्न हुआ, जिसमें समाज के अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने संत रविदास के जीवन, उनके उपदेशों और समाज में उनके योगदान पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम की अध्यक्षता ढगलाराम तंवर ने की, जबकि पूर्व अध्यक्ष लूणाराम तंवर रास, सचिव उमेश चंद जाटोलिया, कोषाध्यक्ष मोहनलाल जाटोलिया एवं ग्राम सेवक चेलाराम ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर शिक्षा जगत से जुड़े प्रतिष्ठित व्यक्तियों में प्रिंसिपल बीरम राम, पूर्व प्रिंसिपल हुकमाराम मेगडदा, ताराचंद नोगिया, विष्णु राम, राकेश बाकोलिया, हाथीराम सिंघानिया, दीपाराम जाजोरिया एवं घनश्याम सिंघानिया सहित कई अन्य शिक्षाविद् उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में समाज के अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भी भाग लिया, जिनमें ओगड़ राम सिंघानिया, लाबुराम जाटोलिया, प्रकाश फुलवारी, घनश्याम फुलवारी, बंसीलाल चौरडिया, सुरेश कुमार सिंघानिया, श्याम तिगाया, चंद्र प्रकाश तुनगरिया, मुकेश कुमार जाटोलिया, ललित कुमार जाटोलिया, विक्रम कुमार जाटोलिया, चंपालाल जाटोलिया, अशोक जाटोलिया, सुनील कुमार चोरोटिया, नेमाराम सिंघानिया, दयालचंद, सोहनलाल जाटोलिया, मांगीलाल जाटोलिया एवं पहलाद चोरोटिया आदि शामिल रहे।

इस अवसर पर वक्ताओं ने संत रविदास के जीवन दर्शन, उनकी शिक्षाओं और समाज सुधार के प्रति उनके योगदान पर विस्तृत रूप से चर्चा की। संत रविदास ने समाज में समता, प्रेम, और भाईचारे का संदेश दिया था। उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से जातिवाद और छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों का विरोध किया तथा सभी को समानता और एकता का संदेश दिया।

कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि संत रविदास के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और समाज को उनके बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संत रविदास के उपदेश हमें सामाजिक एकता और प्रेम की सीख देते हैं।

इस आयोजन के दौरान समाज के वरिष्ठजनों ने युवाओं को संत रविदास के विचारों को आत्मसात करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने संत रविदास के विचारों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर समाज के विकास और उत्थान के लिए कई प्रस्ताव भी पारित किए गए। कार्यक्रम के सफल संचालन में ग्राम विकास अधिकारी मोहनलाल रेगर एवं अन्य सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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