सादड़ी में मोहर्रम पर्व पर युवाओं ने अखाड़ा प्रदर्शन कर किया मातम

ताजिया जुलूस शांति और भव्यता के साथ निकाला गया
सादड़ी (पाली)। नगर पालिका क्षेत्र सादड़ी में मोहर्रम का मातमी पर्व रविवार को अत्यंत श्रद्धा, उत्साह, सामाजिक समरसता एवं पूरी शानो-शौकत के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुस्लिम समाज द्वारा पूरे नगर में भव्य ताजिया जुलूस निकाला गया। जुलूस में नगर के विभिन्न हिस्सों से मुस्लिम समाज के लोग शामिल हुए और कर्बला के शहीदों की याद में गम और मातम का माहौल बनाते हुए पारंपरिक अंदाज में ताजिया लेकर नगर भ्रमण किया।
नगर में निकले इस ताजिया जुलूस की शोभा यात्रा का माहौल अत्यंत अनुशासित और शांतिपूर्ण रहा। जुलूस के दौरान मार्ग में कई स्थानों पर मुस्लिम समुदाय के नवयुवकों ने उत्साहपूर्वक पारंपरिक अखाड़ा प्रदर्शन कर हज़रत इमाम हुसैन और 72 शोहदा-ए-कर्बला को मातम के साथ याद किया। इन अखाड़ा प्रदर्शनों में युवाओं ने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न प्रकार की युद्धक कलाओं का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को देखने के लिए मुस्लिम समाज के अलावा अन्य समुदायों के लोग भी मार्ग में उपस्थित रहे और कार्यक्रम को देखा।
इस मोहर्रम आयोजन में ताजिया लाइसेंसी फय्याज खां पठान, याकूब कुरैशी, मुस्लिम समाज के वरिष्ठ जन, नवयुवक, समाजसेवी और अन्य गणमान्य लोग पूरी जिम्मेदारी और निष्ठा के साथ शामिल हुए। जुलूस की व्यवस्थाओं, मार्ग, सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने में ताजिया लाइसेंसियों तथा समाज के नवयुवकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने पूरे आयोजन को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए हर प्रकार की व्यवस्थाओं में सहयोग प्रदान किया।
ताजिया लाइसेंसियों ने जुलूस के दौरान थानाधिकारी हनवंत सिंह सोढ़ा, तहसीलदार हरेन्द्र सिंह, कांग्रेस नगर अध्यक्ष गोविंद प्रसाद व्यास सहित अन्य प्रबुद्ध जनप्रतिनिधियों का पुष्पमाला और साफा पहनाकर बहुमान भी किया। इस अवसर पर पालिका और कांग्रेस कमेटी की ओर से भी ताजिया लाइसेंसियों का स्वागत और अभिनंदन किया गया। पूरे कार्यक्रम में प्रशासन और नगर के नागरिकों का भरपूर सहयोग देखने को मिला।
रविवार को निकले इस ताजिया जुलूस का आरंभ छीपाबास मस्जिद से हुआ। वहां से जुलूस इमामवाड़ा, आखरिया चौक, पीरों की बगेची दरगाह, इस्लामपुरा, तकिया आबादी होते हुए गांछवाड़ा ढाल तक पहुंचा। पूरे मार्ग पर मुस्लिम समाज के लोगों ने मातम मनाया और कर्बला की याद में खुद को समर्पित किया। इस दौरान युवाओं ने अखाड़ा प्रदर्शन के माध्यम से हिम्मत, शौर्य और अनुशासन का परिचय दिया।
ताजिया जुलूस की संपूर्ण यात्रा में पुलिस प्रशासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि किसी भी प्रकार की यातायात बाधा अथवा अव्यवस्था उत्पन्न न हो। पुलिस जाप्ता पूरे मार्ग पर सतर्क रहा और यातायात की व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित किया। थानाधिकारी हनवंत सिंह सोढ़ा और उनकी टीम ने ताजिया जुलूस की निगरानी करते हुए हर स्थान पर व्यवस्था को संभाला।
ताजिया जुलूस के दौरान सादड़ी नगर के साथ-साथ आस-पास के ग्राम्यांचल से भी बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के ग्रामीण शामिल हुए। ग्रामीण क्षेत्रों से आए मुस्लिम समाज के लोगों ने भी इस मातमी पर्व में पूरे जोश और श्रद्धा के साथ भाग लिया। उन्होंने भी ताजिया के साथ चलकर कर्बला की शहादत को याद किया और अखाड़ा प्रदर्शन में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
मोहर्रम के इस आयोजन का उद्देश्य कर्बला में शहीद हुए हज़रत इमाम हुसैन और 72 शोहदा-ए-कर्बला की शहादत को याद करना और उनके द्वारा दी गई कुर्बानी को श्रद्धांजलि देना था। ताजिया जुलूस के माध्यम से मुस्लिम समाज ने इस दिन को गम, मातम, और धार्मिक आस्था के साथ मनाया। पूरे आयोजन में कहीं भी कोई अव्यवस्था नहीं रही, सभी कार्यक्रम शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हुए।
नगर के विभिन्न मार्गों पर जुलूस के दौरान ताजियाओं की आकर्षक साज-सज्जा, युवाओं के अखाड़ा प्रदर्शन, धार्मिक नारे, मातमी गीत और अनुशासित वातावरण ने इस आयोजन को और भी भव्य बना दिया। ताजिया जुलूस का हर पड़ाव श्रद्धा, समर्पण और सामाजिक एकता का प्रतीक बना रहा। पूरे कार्यक्रम में समाज के हर आयु वर्ग के लोगों की भागीदारी रही, विशेष रूप से युवाओं ने अखाड़ा प्रदर्शन के माध्यम से अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करवाई।
मोहर्रम के इस अवसर पर सादड़ी नगर में आपसी भाईचारे, सौहार्द, सामाजिक समरसता और धार्मिक एकता की अनूठी मिसाल प्रस्तुत हुई। मुस्लिम समाज के लोगों ने पूरे नगर में परंपरागत रूप से इस आयोजन को संपन्न कराया और नगर प्रशासन, पुलिस विभाग तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया।