राजस्थान में शिक्षकों पर संकट: विद्यार्थियों के फेल होने पर शिक्षकों के खिलाफ होगी कार्रवाई
राजस्थान में शिक्षा प्रणाली में बड़े सुधार: शिक्षक भर्ती, पदोन्नति और जवाबदेही पर जोर

- नागौर
स्कूल में बच्चा फेल हुआ तो शिक्षक पर होगी कार्रवाई — शिक्षा मंत्री दिलावर
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने नागौर के एक दिवसीय दौरे के दौरान शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि छात्र परीक्षा में असफल होते हैं, तो संबंधित शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी, जिससे उनकी जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
शिक्षकों की पदोन्नति और भर्ती
मंत्री ने बताया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में शिक्षकों की पदोन्नति नहीं की गई थी, लेकिन वर्तमान सरकार 50,000 शिक्षकों की पदोन्नति करेगी। इसके अलावा, नई शिक्षक भर्ती प्रक्रियाएँ भी शीघ्र आयोजित की जाएँगी, जिससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा और छात्रों की पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
परीक्षा प्रणाली में सुधार
बोर्ड परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अब उत्तर पुस्तिकाओं की री-टोटलिंग के साथ री-चेकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रश्नपत्र अब तीन-चार खंडों में विभाजित कर विभिन्न विशेषज्ञों से तैयार कराए जाएँगे, जिससे पेपर लीक और नकल माफिया पर अंकुश लगेगा।
शिक्षकों की जवाबदेही होगी तय
मंत्री ने निर्देश दिया कि छात्रों को लिखित परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने चाहिए। यदि छात्र 80 में से 40 अंक नहीं ला पाते हैं, तो वे पास हो जाएँगे, लेकिन संबंधित शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे शिक्षकों का तबादला राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में किया जा सकता है।
वेद विद्यालयों की स्थापना
राज्य के विभिन्न जिलों में आदर्श वेद विद्यालय स्थापित करने की भी घोषणा की गई। इन विद्यालयों में शिक्षकों का वेतन 7,000 रुपये तक बढ़ाया जाएगा, जिससे वैदिक शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा और छात्रों को प्राचीन भारतीय ज्ञान से अवगत कराया जा सकेगा।
इन सुधारों का उद्देश्य राज्य की शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाना है, जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके और शिक्षकों की जिम्मेदारी तय की जा सके।