हरियाणा के सिरसा ज़िले में अनोखा मामला: टिटूखेड़ा गांव की महिला ने दिया चार बच्चों को जन्म, परिवार और गांव में खुशी की लहर

सिरसा (हरियाणा) – जहां एक ओर लोग एक संतान के लिए वर्षों तक प्रतीक्षा करते हैं, वहीं हरियाणा के सिरसा जिले के टिटूखेड़ा गांव से एक चमत्कारी खबर सामने आई है। यहां एक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म देकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे गांव को खुशी से झूमने पर मजबूर कर दिया है.
यह घटना क्षेत्र में चर्चा का मुख्य विषय बन गई है। बताया जा रहा है कि महिला ने दो बेटों और दो बेटियों को जन्म दिया है। खास बात यह है कि पहले डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड में केवल तीन बच्चों की पुष्टि की थी, लेकिन जैसे ही ऑपरेशन हुआ, एक और नवजात सामने आया, जिससे सभी हैरान रह गए।
चार बच्चों का जन्म: एक दुर्लभ और हर्षजनक घटना
परिवार की दादी और अन्य सदस्य इस मौके पर भावुक नजर आए। दादी ने बताया कि बेटे की शादी को केवल एक साल तीन महीने ही हुए हैं और यह तो मानो भगवान का विशेष आशीर्वाद है। उन्होंने बताया,
“डॉक्टर पहले तीन बच्चे बता रहे थे, लेकिन जब ऑपरेशन हुआ तो चौथा बच्चा भी निकल आया। यह तो जैसे चमत्कार है।”
गांव भर में जश्न का माहौल
इस अनोखी घटना की खबर फैलते ही आस-पास के गांवों से भी लोग बधाई देने पहुंचने लगे। परिवार में हर ओर उत्सव जैसा माहौल है। किसी ने बच्चों के लिए कपड़े खरीदे, तो कोई मिठाई लेकर पहुंचा। लोग कह रहे हैं,
“अब तो खुशी भी चार गुना हो गई है, और खर्चा भी। लेकिन भगवान की देन है, तो खुशी खुशी पालेंगे।”
बच्चों के नाम और सेहत
परिवार ने दो बच्चों के नाम पहले ही तय कर दिए हैं – एक बच्ची का नाम ‘किस्मत’ और दूसरे बच्चे का नाम ‘समदीप’ रखा गया है। शेष दो बच्चों के नाम जल्द तय किए जाएंगे। बच्चों की सेहत फिलहाल स्थिर है, हालांकि वे थोड़े कमजोर हैं, लेकिन डॉक्टरों की निगरानी में हैं और तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल
इस खबर का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इसे हरियाणा के इतिहास में एक दुर्लभ और अनूठी घटना बता रहे हैं। गांव के बुजुर्गों का भी कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार सुना है कि किसी महिला ने एक साथ चार स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया हो।
यह घटना केवल एक पारिवारिक खुशी की नहीं, बल्कि यह दर्शाती है कि प्राकृतिक चमत्कार आज भी होते हैं। जहां संतान प्राप्ति के लिए लोग मंदिरों में मन्नतें मांगते हैं, वहां टिटूखेड़ा गांव की यह खबर उम्मीद और आस्था की एक मिसाल बन गई है।