बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में सकल हिन्दू समाज ने भरी हुंकार
संत समाज की अगुवाई में हिंदू समाज ने की आम सभा, निकाली रैली दिया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
लटेरी– बांग्लादेश में मजहबी कट्टर पंथियों द्वारा हिन्दू समुदाय पर हो रहे अत्याचार के विरोध में बुधवार की दोपहर करीब 1 बजे स्थानीय जय स्तंभ चौक पर सकल हिन्दू समाज के बैनर तले संतो की अगुवाई में करीब पांच हजार से भी अधिक हिन्दू समाज एकत्रित हुआ ओर एक विशाल आम सभा भी संबोधित की गई।
आमसभा के मुख्य अतिथि महंत सत्यनारायण गिरी ने उपस्थित सकल हिन्दू समाज व जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि अत्याचार करने वाले अत्याचारी को अगर समाप्त भी कर दिया जाए तो उसका भी पाप नहीं लगता साथ ही उन्होंने कहा कि गद्दी पर बैठे हुए राजा की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपनी प्रजा की रक्षा करे बांग्लादेश में तो राजा ही भक्षक बना हुआ है।
वहीं मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह शारीरिक प्रमुख त्रिवेष लोधी ने कहा कि जो हमारे टुकड़ों पर पला अब वह ही हिंदुओं पर अत्याचार कर रहा है।आम सभा के विशाल मंच पर प्रमुख रूप से पचमढ़ी आश्रम प्रमुख महंत सत्यनारायण गिरी, महंत आदित्य गिरी महाराज, छप्पन भैरो आश्रम प्रमुख महंत बालकदास महाराज, कथावाचक पुरषोत्तम दास, कथावाचक सुमित कृष्ण शास्त्री, कथावाचक मति वर्षा पुरी गोस्वामी , भ्रमचर्य संत शुरेश जैन, मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह शारीरिक प्रमुख त्रिवेश लोधी प्रमुख रूप से उपस्थित रही।
साथ ही शहर के अधिकांश समाज सेवी संगठन, सामाजिक संगठन, व्यापारिक संगठन,धार्मिक संगठन, हिंदू संगठन, सभी राजनैतिक दल , छात्र संगठन,स्कूली छात्र युवा सहित पांच हजार से भी अधिक हिन्दू समाज ने रैली निकाल कर अपनी हुंकार भरी रैली जय स्तंभ चौक से प्रारंभ होकर सिरोंज चौराह, बस स्टैंड होती हुई तहसील प्रांगण पहुंची जहां कथावाचक सुमित कृष्ण शास्त्री ने राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन का वाचन किया और संत समाज के साथ अपर कलेक्टर संतोष विठोलिया को ज्ञापन सौंपा गया।
सकल हिन्दू समाज को दिलाया संकल्प
कथावाचक वर्षा पूरी गोस्वामी ने उपस्थित जन समुदाय को संकल्प दोहरवाया उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं और उनके समर्थन में सदैव खड़ा रहने का संकल्प करता हूं।मैं संकल्प करता हूं कि बांग्लादेश के पीड़ित हिन्दू समुदाय के सम्मान, सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए हर संभव प्रयास करूंगा। अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाने और समाज में जागरूकता फैलाने हेतु सक्रिय भागीदारी निभाऊंगा।मैं भाषा, क्षेत्र और जाति के नाम पर नहीं बँटने का संकल्प करते हुवे, सकल हिन्दू समाज के कल्याण व एकता के लिए कार्य करने की भी प्रतिज्ञा करता हूं ।
यह दिया ज्ञापन–
भारत के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के नाम संबोधित ज्ञापन अपर कलेक्टर संतोष विठोलिया को दिया गया जिसमें कहा गया कि हम, भारत के नागरिक, आपका ध्यान बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय पर हो रहे लगातार अत्याचारों और उनके मानवाधिकारों के हनन की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। हाल के वर्षों में बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक, विशेषकर हिन्दू समुदाय, अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। धार्मिक असहिष्णुता, मंदिरों और पूजा स्थलों पर हमले, महिलाओं पर यौन हिंसा, संपत्ति की जबरन हड़प, और जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।बांग्लादेश, जो भारत का निकटतम पड़ोसी देश है, धार्मिक सहिष्णुता और मानवाधिकारों के लिए जाना जाता था। लेकि। दुर्भाग्यवश, पिछले कुछ वर्षों में वहां हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हमले और उत्पीड़न की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। बांग्लादेश में विभिन्न मौकों पर दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले, देवी-देवताओं की मूर्तियों को खंडित करना, मंदिरों को जलाना, और हिन्दू परिवारों को उनके घरों से बेदखल करना आम होता जा रहा है।इन घटनाओं ने न केवल बांग्लादेश के हिन्दू समाज को भयभीत किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वहाँ धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे हैं। भारत, जो विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, ऐसे समय में चुप नहीं रह सकता जब हमारे पड़ोसी देश में धार्मिक उत्पीड़न हो रहा हो।
राष्ट्रपति महोदया से की अपील–
बांग्लादेश के हिन्दुओं की यह पीड़ा और संकट न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह सभ्यता और सहिष्णुता के लिए भी चुनौती है। सकल हिन्दू समाज भारत वासी ये आशा करते हैं कि आप अपनी संवेदनशीलता और नेतृत्व के माध्यम से इस गंभीर मुद्दे पर हस्तक्षेप करेंगी और भारत सरकार को उचित कदम उठाने के लिए निर्देशित करेंगी।आपके समय और विचार के लिए हम हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। हमें विश्वास है कि आपकी पहल बांग्लादेश के हिन्दू समुदाय को सुरक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन प्रदान करने में सहायक होगी।