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बारां के जनकवि बाबू ‘बंजारा’ को दिया जायेगा लोककवि मोहन मण्डेला स्मृति सम्मान

30 नवम्बर को शाहपुरा में होने वाले अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में दिया जायेगा सम्मान

  • शाहपुरा


मूलचंद पेसवानी
जिला संवाददाता

मूलचंद पेसवानी वरिष्ठ पत्रकार, जिला संवाददाता - शाहपुरा / भीलवाड़ा 

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साहित्य सृजन कला संगम द्वारा स्थापित लोककवि मोहन मण्डेला स्मृति लोक साहित्य सम्मान-2024 इस वर्ष राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध कवि और गीतकार बारां के बाबू ‘बंजारा’ को प्रदान किया जाएगा।


बाबू ‘बंजारा’ ने अपने साहित्यिक योगदान और काव्य मंचों के माध्यम से राजस्थानी भाषा के प्रचार-प्रसार में अद्वितीय योगदान दिया है। उनकी रचनाओं ने लोक जीवन को गहराई से छुआ है और आम जनमानस को राजस्थानी साहित्य की ओर आकर्षित किया है। यह सम्मान समारोह में शाहपुरा में 30 नवम्बर को हो रहे अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के मौके पर दिया जायेगा। लोककवि मोहन मण्डेला स्मृति सम्मान को लोक साहित्य के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है।

इस सम्मान के अंतर्गत नकद राशि, शॉल, साफा, और स्मृति चिन्ह प्रदान किए जाते हैं। अब तक के सम्मानित साहित्यकारों में राजस्थान और देशभर के ख्यातनाम नाम शामिल हैं, जैसे कि गजानन वर्मा, कल्याण सिंह राजावत, माधव दरक, डॉ. इकराम राजस्थानी, ताऊ शेखावाटी, और गजादान चारण। कार्यक्रम संयोजक डा. कैलाश मंडेला ने बताया कि बारां के कवि बाबू ‘बंजारा’ ने न केवल राजस्थान बल्कि देशभर के काव्य मंचों पर अपनी कविताओं के माध्यम से राजस्थानी भाषा और साहित्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनकी रचनाओं में लोक संस्कृति और परंपराओं की गहरी झलक मिलती है।

यह सम्मान उनके योगदान को मान्यता देने का प्रतीक है। यह सम्मान लोककवि मोहन मण्डेला की 28वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित 27वें अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में प्रदान किया जाएगा। यह कार्यक्रम 30 नवम्बर, 2023, शनिवार की रात 7.30 बजे शाहपुरा के श्रीराम टॉकीज के हॉल में आयोजित होगा। संस्था के अध्यक्ष जयदेव जोशी ने बताया कि शाहपुरा जिला बनने के बाद यह दूसरा आयोजन है, जिसे ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान करने की तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस बार का आयोजन विशेष होगा और इसे अलग स्वरूप देने के लिए व्यापक तैयारियां चल रही हैं।

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देश और राज्य के कई प्रतिष्ठित और लोकप्रिय कवि इस आयोजन में भाग लेंगे। लोककवि मोहन मण्डेला स्मृति सम्मान और अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के माध्यम से साहित्य सृजन कला संगम ने साहित्यिक धरोहर को सहेजने और लोक साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। यह कार्यक्रम साहित्यिक परंपराओं को सजीव रखने के साथ-साथ नए कवियों और रचनाकारों को प्रेरित करता है। शाहपुरा, जो अब नया जिला बना है, इस ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बनेगा। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, साहित्यकारों, और कला प्रेमियों के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति की उम्मीद है। यह आयोजन न केवल साहित्य के प्रति सम्मान का प्रतीक होगा, बल्कि राजस्थानी भाषा और संस्कृति के संरक्षण का भी संदेश देगा।

Khushal Luniya

Khushal Luniya is a young kid who has learned HTML, CSS in Computer Programming and is now learning JavaScript, Python. He is also a Graphic Designer. He is playing his role by being appointed as a Desk Editor in Luniya Times News Media Website.

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