बाली शहर में स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविधालय राजयोग केंद्र में बुधवार को गीता का सार, जीवन का आधार विषय को लेकर गीता जयंती महोत्सव धूम धाम से मनाया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राज योगिनी ब्रह्माकुमारी अरुणा दीदी ने बताया कि मनुष्य जीवन में चिंता का त्याग, क्रोध पर नियंत्रण और मन पर काबू रखना जरूरी है। दीदी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उपदेश देते हुए कहा कि कभी भी व्यर्थ की चिंता नहीं करनी चाहिए। हर किसी को एक न एक दिन जाना है, इसलिए व्यर्थ की चिंता से मुक्त होकर कर्म के रास्ते पर बढ़ना चाहिए। साथ उन्होंने बताया कि क्रोध पर नियंत्रण रखें। क्रोध करने से सभी तरह के कार्य बिगड़ने लगते हैं। क्रोध करने से इंसान का पतन आरंभ हो जाता है। मनुष्य की तर्क शक्ति क्षीण हो जाती है और वह पतन के राह पर चल देता है।
संत भजनाराम महाराज ने कहा कि मन पर रखें काबू गीता के उपदेश में श्री कृष्ण ने बताया है कि जो व्यक्ति अपने मन पर काबू करना सीख लेता है, वह हर तरह की बाधा को आसानी से पार कर लेता है। इसलिए व्यक्ति को हर हाल में अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिए।
वही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चैन सिंह ने कहा कि गीता का ज्ञान जीवन में जरूरी है। मनुष्य जीवन को नशे से मुक्त रखने और आज के बच्चों को गीता का ज्ञान देने का आह्वान किया। विकास अधिकारी भोपाल सिंह जोधा ने कहा कि गीता जरूर पढ़े और राजयोग जरूर सिखे। इससे मनुष्य जीवन का मूल्य ही बढ़ जाएगा। पूर्व पालिका अध्यक्ष लकमाराम चौधरी, लखमाराम मेघवाल, ओटाराम चौधरी ने भी संबोधित कर जीवन में अच्छी राह पर चलने की सीख दी।
बी के स्नेहा बहिन ने बताया कि जीवन की हर समस्या का हल करने वाली, जीवन जीना सिखाने वाली राजयोग द्वारा मन जीते जगत जीत बनाने वाली गीता की सीख बताई। साथ ही उन्होंने बताया कि श्रीमद्भगवद्गीता दार्शनिक मार्गदर्शक और आध्यात्मिक शिक्षक रही है। गीता में, भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कई सबक सिखाए हैं, जिन्हें किसी के जीवन जीने का आदर्श साधन माना जाता है।
इस मौके पर मूलसिंह राजपुरोहित, मिश्रीमल सोनी, एडवोकेट इंदरराज भंडारी, कंपाउडर केवलचंद कंपाउंड, बीके मीना बहन, बीके अनिता बहन, बीके दीप्ती बहन सहित सदस्यगण व अधिक संख्या ने श्रद्धालुओं ने भाग लिया।