Newsभीलवाड़ा न्यूज

राष्ट्रीय स्तर के भू वैज्ञानिकों के दल ने भीलवाडा की प्राचीन भू संरचनाओं का अध्ययन किया

330 करोड वर्ष पुरानी चट्टानों का अवलोकन किया

  • भीलवाड़ा, मूलचन्द पेसवानी

भू-विज्ञान विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा ष्विश्व भू-वैज्ञानिक दिवसष् के अवसर पर भू-वैज्ञानिक फील्ड विजिट का आयोजन किया गयाद्य

जलधारा विकास संस्थान के अध्यक्ष महेश नवहाल ने बताया कि संगम यूनिवर्सिटी में कार्यरत डॉ केके शर्मा, जिंदल सॉ लिमिटेड मे कार्यरत श्री दिवाकर अरोड़ा एवं रिटायर्ड खान एवं भू-विज्ञान वैज्ञानिक श्री फारूक द्वारा शोधार्थियों को भीलवाड़ा क्षेत्र की प्राचीन चट्टानों के अध्ययन के साथ ही उसमें उपस्थित भू-संपदा की जानकारी भी प्रदान की गई द्य शैक्षणिक भ्रमण में हाल ही में शोध की गई 3.3ळं अर्थात 330 करोड़ साल पुरानी चट्टानों का अवलोकन किया तथा वहां पर स्थित कॉपर और आयरन की एन्सिएंट माइनिंग साइट्स का विजिट भी किया द्य पुरातत्व काल की ऐसी साइट्स का निरीक्षण एवं अध्ययन किया जहां पर पुरातत्व काल के मानव द्वारा उच्च ताप एवं दाब की चट्टानों के साथ गट्टी निर्माण का कार्य किया गया था द्य लांबिया में स्थित लोह खनिज की ओपनकास्ट खदान जो कि जिंदल सॉ लिमिटेड द्वारा चलाई जा रही है, का भी भूवैज्ञानिक अवलोकन किया गयाद्य रिटायर्ड प्रो हर्ष भू, डॉ एमएल नागोरी, जियोलोजी अल्युमिनी सोसाइटी के सेक्रेटरी डॉ सुनील वशिष्ठ, विभागाध्यक्ष भू-विज्ञान विभाग डॉ रितेश पुरोहित, संकाय सदस्य श्री अखिल द्विवेदी, डॉ माया चैधरी, डॉ हरीश कपासिया, डॉ रजनीकांत पाटीदार, डॉ निरंजन मोहंती, श्रीमती नेहा राड़ एवं सभी शोधार्थिगण इस फील्ड विजिट का हिस्सा रहे द्यअंतर्राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक दिवस भूवैज्ञानिकों द्वारा भू-विज्ञान विभाग मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संयोजन मे सफलतापूर्वक संपन्न हुआ द्य जलधारा विकास संस्थान ने इन प्राचीन भू आकृतियों के संरक्षण की मांग लगातार उठाई हैस ये प्राचीन भू संरचनायें प्रकृति प्रदत्त धरोहर के साथ साथ अति प्राचीन मानव जीवन के बसाव के साक्ष्य है जिनके संरक्षण की अतीव आवश्यकता है।साध ही इनके लिये जन जागृति की आवश्यकता है । यह शैक्षणिक व प्रिहिस्टोरिक महत्व के स्थल है । यह पर्यटन बढाने में भी महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकते है ।

जलधारा विकास संस्थान के लगातार प्रयत्नों से ये स्थल प्रकाश में आये है, जिसके फलस्वरूप शैक्षणिक जगत के ध्यान में यह आया है जिसके परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिकों के दल ने इसका भ्रमण किया है। सुप्रसिद्ध भू वैज्ञानिक के के शर्मा ने जलधारा विकास संस्थान के संरक्षण प्रयत्नों की प्रशंसा की एवम् इस हेतु आभार व्यक्त किया।


यह भी पढ़े


 

मूलचन्द पेसवानी शाहपुरा

जिला संवाददाता, शाहपुरा/भीलवाड़ा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button