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विविधता में एकता हमारी परंपरा का अंग है: श्रदेय आरएसएस प्रमुख

हरिद्वार. आरएसएस के सरसंघचालक श्रदेय डॉ. मोहन भागवत जी ने वसुधैव कुटुंबकम व्याख्यानमाला में कहा कि विविधता में एकता हमारी परंपरा का अंग है. मनुष्य मात्र को अपनी लघु चेतना को विकसित करना चाहिए, जिससे वे विविधता में एकता को समझ सकें और अपना सकें.

सरसंघचालक जी देव संस्कृति विश्वविद्यालय में जी-20 के थीम पर आयोजित दो दिवसीय वसुधैव कुटुंबकम व्याख्यानमाला के दूसरे दिन सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत तेज का उपासक है. गायत्री परिवार भी सूर्य यानि इसी तेजस की उपासना करता है. इस यात्रा में चलने वाला प्रत्येक मनुष्य, साधक विश्व को बचाने के लिए कार्य कर रहा है. सारी दुनिया में शांति हो, इस दिशा में सबको मिलकर कार्य करना चाहिए. प्राचीनकाल में ऋषि छोटे-छोटे प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से लोगों को प्रशिक्षित किया करते थे, जिससे वे अपने सभी सहयोगियों के साथ सामंजस्य के साथ रहते थे और सब एक कुटुंब की भांति रहा करते थे. उन्होंने कहा कि भारत का उत्थान केवल भारत के लिए नहीं, वरन् पूरे विश्व के लिए कल्याणकारी है. ये ही देव संस्कृति है.

देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह समय अपरिमित संभावना को लेकर आया है. परिवर्तन सुनिश्चित है – सिपाही जागें, सावधान हो लें, तभी भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है. दया, त्याग, बलिदान और आध्यात्मिक उत्कर्ष का विकास केवल भारत में ही हुआ. भारत में ज्ञान की वह धाराएँ विद्यमान हैं, जो पूरे विश्व को प्रकाशित करेंगी. व्याख्यानमाला के समापन से पूर्व कुलपति शरद पारधी जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया. इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने सरसंघचालक मोहन भागवत जी को युगसाहित्य, रुद्राक्षमाला, गंगाजली आदि भेंट कीं. इस अवसर पर सरसंघचालक जी ने यजन मोबाइल एप सहित अन्य पत्रिकाओं का विमोचन किया.

इससे पूर्व सरसंघचालक जी ने भारत के एकमात्र बाल्टिक सेंटर, श्रीराम स्मृति उपवन सहित विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न प्रकल्पों का अवलोकन किया. विवि में स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव का अभिषेक कर सम्पूर्ण समाज की प्रगति की प्रार्थना की. परिसर में सफेद चंदन का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. शौर्य दीवार पर पुष्प अर्पण कर वीर सपूतों को नमन किया.

इसके पश्चात वे गायत्री तीर्थ शांतिकुंज पहुंचे. यहाँ उन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी एवं श्रद्धेया शैलदीदी से भेंट कर परामर्श किया. युवा पीढ़ी एवं समाज के विकास संबंधी विभिन्न विषयों पर मंत्रणा हुई. इस अवसर पर प्रमुखद्वय ने सरसंघचालक को गायत्री मंत्र लिखित शाल भेंटकर सम्मानित किया.

देव संस्कृति विश्वविद्यालय के मृत्युजंय सभागार में आयोजित सभा में विद्यार्थियों ने वसुधैव कुटुंबकम् की थीम पर आधारित विभिन्न पहलुओं पर शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया.

Khushal Luniya

Khushal Luniya is a young kid who has learned HTML, CSS in Computer Programming and is now learning JavaScript, Python. He is also a Graphic Designer. He is playing his role by being appointed as a Desk Editor in Luniya Times News Media Website.

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