भायंदर पशिचम 60 फुट रोङ शांती नगर ईदरा कोंपलेक्स के वहा पर महेश्वर महादेव मंदीर मे शीतला माताजी की पुजा करके सुख शांती की प्रार्थना की हर वर्ष की सुबह 5 बजे से बहनो की लाइन लग गई थी सभी बहनो ने माॅ की पुजा की ओर अपने परीवार की सुख शांती की कामना की ममता विक्रम राठोङ ,राखी प्रविण राठोङ , रंजन महेद्र राठोङ आदी बहनो ने पुजा करके शांती की कामना की हर साल की भाती ईस साल भी चेत्र मास की कृष्णा पक्ष की सप्तमी ओर अष्टमी का शीतला माताजी की पुजा की जाती है ऐक दिन पहले माताजी का भोजन बनाया।
जाता है जिसे बासोङा कहते है दुसरे दिन यानी सप्तमी को पुजा जाता है इसे चेचक रोग की देवी भी कहा जाता है , बच्चो को चेचक रोग से बचाने के लिऐ पुजा जाता है शीतला मा भगवान शिव कि अर्धांगिनी शक्ती का स्वरूप भी माना जाता है देवलोक से देवी शीतला अपने हाथ मे दाल के दाने लेकर भगवान शिव के पसीने से बने जवरासुर के साथ धरती लोक पर राजा विराट के राज्य मे रहने आई थी