भीलवाड़ा न्यूजReligiousबड़ी खबरराजस्थान

हरिशेवा उदासीन आश्रम में सतगुरु बाबा शेवाराम साहब का 108वां प्राकट्य उत्सव संपन्न

श्री रामायण का अखंड पाठ का पड़ा भोग, धर्म ध्वजा साहब की हुई स्थापना

भगवत प्राप्ति हेतु समर्पण आवश्यक: महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन

  • भीलवाड़ा

हरि शेवा उदासीन आश्रम के आराध्य गुरु बाबा शेवाराम साहब जी का 108वां वार्षिक प्राकट्य उत्सव शरद पूर्णिमा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रातःकाल में सतगुरूओं की समाधि साहब पर महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सान्निध्य मे संतो एवं अनुयायियों ने मौन नाम-स्मरण किया।

तत्पश्चात् वैदिक मंत्रोच्चार के साथ धर्म ध्वजारोहण हुआ। संतों महात्माओं के सान्निध्य में श्रद्धालुओं ने सम्मिलित होकर पूजन किया। परंपरागत भजन गाये गए एवं बैंड की धुन पर श्रद्धालुगण झूम उठे।

हवन यज्ञ में श्रद्धालुओं ने आहूतियां दी। सत्संग, कीर्तन, प्रवचन हुए एवं श्री रामायण के अखण्ड पाठ का भोग साहब पड़ा। संतो-महात्माओं निर्वाण मण्डल द्वारा बाबा जी के 108वें प्राकट्य उत्सव के उपलक्ष में लड्डू महाप्रसाद का भोग लगाया गया। आरती एवं अरदास प्रार्थना हुई। संतो-महात्माओं विप्रजनो का भण्डारा एवं आम भण्डारा हुआ। अन्न क्षेत्र की सेवा की गई।

इस अवसर पर राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने आश्रम पहुंचकर सतगुरुओ के समक्ष शीश निवाया तथा सभी संतों-महात्माओं का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने सनातन धर्म का पाश्चात्य शैली से तुलना करते हुए सनातन के गुणो का बखान किया। विधानसभा अध्यक्ष देवनानी जी का शाल एवं माला पहनाकर स्वागत किया गया।

कार्यक्रम में मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल, सहाड़ा विधायक लादूलाल पितलिया, नगर निगम महापौर राकेश पाठक, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष लादूलाल तेली, कैलाश सोनी, भाजपा प्रवक्ता विनोद झुरानी, मनीष सबदानी सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।

सत्संग प्रवचन की श्रंखला में महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने भजन ऐसी किरपा मोहे करो, संतन चरण हमारो माथा प्रस्तुत करते हुए अपने प्रवचन में बाबा शेवाराम साहब के जीवन के प्रसंग बताते हुए कहा कि बाबाजी जब सत्संग करते थे तो ना केवल मनुष्य अपितु प्रकृति के सभी जीव आनंदित हो जाते थे। अपना सत्संग करते समय वह केवल अपने गुरु बाबा हरिराम साहब का स्मरण करते थे अर्थात भगवत प्राप्ति के लिए मनुष्य को अपने गुरु को अपना मन समर्पित करना पड़ता है। सभी से सेवा सुमिरन करते रहने को कहा।

संत मयाराम, संत राजाराम, संत गोविंदराम एवं ब्रह्मचारी संत इंद्रदेव, सिध्दार्थ,कुणाल, मिहिर ने बाबाजी की धुनी एवं भजनो ने अपने गुरुओं का गुणगान किया। सायंकाल में नितनेम के अलावा सत्संग प्रवचन हुए। सिद्धों की समाधियों पर विशेष पूजन हुआ एवं चादरे चढ़ाई गई। रात्रि में उत्सव विश्राम का पल्लव होकर सर्वत्र सुख शांति की प्रार्थना की गई।

इस अवसर पर अजमेर के श्री ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महंत स्वरूपदास, पुष्कर के श्री शांतानंद उदासीन के महंत हनुमानराम, राजकोट से महंत अमरदास, अजमेर से स्वामी अर्जनदास, इंदौर से महंत स्वामी मोहनदास जी व संत संतराम (चंदन), भीलवाड़ा के संत किशनलाल, पं. नवीन,कमल,विजय शास्त्री, सहित अनेक संत महात्मा उपस्थित रहे। देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं ने संतो-महापुरूषों निर्वाण मण्डल के दर्शन सत्संग प्रवचन का लाभ प्राप्त किया।

मूलचन्द पेसवानी शाहपुरा

जिला संवाददाता, शाहपुरा/भीलवाड़ा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button