10 साल में एक बूंद पानी नहीं दे पाई ठेठाटांड मेगा जलापूर्ति योजना
- टुण्डी
टुण्डी प्रखंड मुख्यालय से सटे ठेठाटांड मेगा जलापूर्ति योजना 10 साल के बाद भी पूरी तरह से धरातल पर नहीं उतर पाई ।
पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा लगभग 54 करोड़ की लागत से शुरू की गई इस योजना का प्रस्ताव 2013 में रखा गया था हालांकि आचार संहिता लागू होने के कारण 2014 में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री चन्द्रप्रकाश चौधरी और विधायक राजकिशोर महतो की उपस्थिति में शिलान्यास किया गया था एक दशक बीतने के बावजूद यह योजना अब तक पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई। यह योजना टुण्डी क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी थी लेकिन इसकी धीमी गति ने कई सवाल उठाए हैं।
इस योजना के तहत पोस्टमारा, झिनाकी, बंगारों, भगुडीह, मनियांडीह, चरक, भुस्की आदि स्थानों पर पानी की टंकियां तैयार की गई है इनमें से कुछ स्थानों पर ट्रायल भी लिया गया लेकिन कुछ जगहों पर लीकेंज और पाइपलाइन से पानी बहने की समस्याएं सामने आई। कई स्थानों पर टंकियां भी चू रही है। इसके बावजूद अब तक टुण्डी मुख्यालय तक पानी की एक बूंद भी नहीं पहुंच पाई है। वर्तमान स्थिति यह है कि टुण्डी मुख्यालय में अब तक पाइपलाइन का काम भी पूरा नहीं हो सका ।
इस योजना के कार्य में विभाग की लापरवाही और संवेदक की उदासीनता के कारण टुण्डी विधायक के लिए इसे चालू कराना एक बड़ी चुनौती बन गया है। इस योजना के माध्यम से टुण्डी, पूर्णाडीह ,कोल्हर, फतेहपुर,मछियारा,जाताखूंटी, जीतपुर,मनियांडीह और अन्य 60 से अधिक गांवों और टोलों में नदी से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य था।इस संबंध में स्थानीय विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि यह योजना उनके लिए एक ड्रीम प्रोजेक्ट है.
उन्होंने विधानसभा में कई बार इस पर सवाल उठाए हैं और अब वे अलग से पहल करेंगे। संवेदक से बात कर इस योजना को पूर्ण करने में आ रही परेशानियों को दूर करने की कोशिश की जायेगी। विभाग ने कहा कि पेयजल और स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता जे पी सिंह ने बताया कि 2017 में पाइपलाइन बिछाई गई थी जब पानी ट्रायल के लिए छोड़ा गया तो कुछ स्थानों पर लीकेंज पाया गया इसे सुधारने का काम चल रहा है और टुण्डी मुख्यालय में भी काम जारी है शीघ्र ही पानी की आपूर्ति कार्य प्रारंभ की जायेगी।
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