हनुमानगढ़। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर नोहर स्थानीय भारत माता आश्रम में सोमवार को गुरुपूर्णिमा एवम व्यास पूजा उत्सव मनाया जाएगा।
आश्रम के संचालक महन्त रामनाथ अवधूत ने बताया कि प्रातः 9 बजे से विधि विधान से हवन कार्यक्रम होगा एवम उसके बाद गुरु पादुका पूजन एवम सत्संग कार्यक्रम होगा। इस अवसर पर नवीन साधकों को शक्तिपात दीक्षा एवम गुरु मंत्र प्रदान किया जाएगा।
सनातन संस्कृति में गुरु के स्थान को सबसे सर्वोच्च माना गया है। गुरू पूर्णिमा के दिन अपने गुरू का सत्कार कर उन्हें दक्षिणा देकर भक्तिरस के कई विस्तृत आयोजन इस दिन होते हैं। इस दिन भक्तगण भी अपने गुरू का पूजन कर अपने आप को सौभाग्यशाली बनाते हैं। भारतीय सनातन संस्कृति में मान्यता है कि सभी को अपने जीवनकाल में गुरू अवश्य बनाना चाहिए क्योंकि एक गुरु ही है जो अंधकारमय जीवन को ज्ञान की रोशनी में लाते है। कहते है- गुरू बिना ज्ञान नही, ज्ञान बिना आत्मा नही अतः ध्यान ज्ञान धैर्य और कर्म सब गुरु की ही देन हैं।
अपने पौराणिक एवं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को महर्षि वेदव्यास ने श्रीमद्भागवत पुराण का ज्ञान अपने सभी शिष्यों और ऋषि मुनियों को दिया था। उसके बाद से ही उनके शिष्यों ने यह दिन गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाने की शुरुआत की। आदिकाल से चली आ रही यह परंपरा आज भी लगातार निरंतर जारी है।पहले गुरु कहलाए महर्षि वेदव्यास का जन्म भी आषाढ़ माह की पूर्णिमा के ही दिन हुआ था, इसलिए भी यह दिन अपने गुरू के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त करने का अवसर होता है।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः
गुरुर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः
- कैसे करे गुरु पूजन
गुरु पूर्णिमा पर यदि आप किसी कारणवश सत्यनारायण भगवान की कथा नहीं कर पा रहे हैं तो सामान्य विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से भी शुभ फल की प्राप्ति होगी। भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी, धूप, दीप, गंध, पुष्प और पीले फल चढ़ाएं और श्रीहरि का स्मरण करें और मनोकामना याद करें। भक्ति भाव के साथ पूजा करनी चाहिए। पूजा के उपरांत भगवान को विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग लगाएं और प्रणाम करें। भोग को प्रसाद स्वरूप सभी लोगों में वितरित कर दें।
जिन भक्तों के गुरू कमजोर स्थिति में होता हैं उनको कुछ विशेष उपाय करने चाहिए जिससे गुरू शिष्य के ह्रदय में अगाध ज्ञान का संचार संभव हो सके, क्योकि गुरु की कृपा के बिना जीवन मे ऊर्जा का संचार नही हो सकता है। - गुरू पूर्णिमा पर कुछ विशिष्ट उपाय आर्थिक लाभ- गुरु वेद व्यासजी को भगवान विष्णु का अंश माना गया है और शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा पर विष्णु जी के अवतार सत्नारायण की कथा करने पर घर में सुख का आगमन होता है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो ये उपाय आपके बंद किस्मत के ताले खोल सकता है.
- करियर और कारोबार में तरक्की – गुरु पूर्णिमा के दिन बृहस्पति देव को पीले वस्तु अर्पित करें। ‘ॐ बृ बृहस्पतये नमः मंत्र का जाप कम से कम 108 बार जरूर करें। मान्यता है इससे कुंडली में गुरु मजबूत होता है। व्यापार में तरक्की की राह आसान होती है। गुरु दोष के कारण अटके कार्य पूर्ण होते हैं।
- विद्यार्थियों को यह उपाय करना चाहिए- गुरु के दुष्प्रभाव के कारण शिक्षा प्राप्त करने से कई रुकावटें आती हैं। ऐसे में गुरु पूर्णिमा पर पीले हकीक की माला से ‘ऊँ ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नम: मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए। इससे न सिर्फ बच्चे का भविष्य संवर जाएगा बल्कि वह जीवन में आसमान की ऊंचाईयों को छूएगा।
- संतान प्राप्ति के लिए – कुंडली में गुरु के बलहीन होने पर संतान प्राप्ति में दिक्कतें आती हैं। निसंतान दंपत्ति इस दिन विष्णु जी को केसर, पीला चंदन, अर्पित करें। गुरु पूर्णिमा पर जरुरतमंदों को गुड़ का दान करना चाहिए। मान्यता है इससे जल्द घर में किलकारियां गूंजती हैं।
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I am not rattling good with English but I get hold this very easy to translate.