सरस्वती विद्या मंदिर में नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षक गोष्ठी आयोजित
विद्या भारती के क्षेत्रीय अध्यक्ष कुम्हार ने नई शिक्षा नीति के तहत सरस्वती विद्या मंदिर सादड़ी में प्रार्थना सभा में छात्रों से रूबरू हुए तो वही शनिवार सायंकाल विद्यालय में आयोजित शिक्षक गोष्ठी को संबोधित किया
सरस्वती विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक सादड़ी में पूर्व राजस्थान बोर्ड अध्यक्ष एवम् विद्या भारती राजस्थान के अध्यक्ष भरतराम कुम्हार का नई शिक्षा नीति के प्रति जागृति पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर शनिवार को प्रवास संपन्न हुआ। क्षेत्रीय पदाधिकारी के प्रवास पर विद्यालय में सांयकाल शिक्षक गोष्ठी का आयोजन रखा गया.
शनिवार प्रातः विद्यालय में विद्या भारती के क्षेत्रीय अध्यक्ष भरतराम कुम्हार, जिला सचिव सुरेश कुमार मालवीय, प्रधानाचार्य मनोहरलाल सोलंकी द्वारा मां शारदा,ओम व भारत मां के समक्ष दीप प्रज्वलित कर वंदना सभा का शुभारंभ किया। वंदना वाद्य यंत्रों भैया बहनों और समस्त आचार्य बंधु भगिनी द्वारा आध्यात्मिक वातावरण में संपन्न हुई।- वंदना के पश्चात प्रधानाचार्य सोलंकी ने क्षेत्रीय अध्यक्ष का परिचय करवाया गया। वही विद्या मंदिर के समिति सदस्य देवाराम ने क्षेत्रीय अध्यक्ष को दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया।
पूर्व राजस्थान बोर्ड अध्यक्ष भरतराम ने भैया – बहिनों को संबोधित कर बताया कि इस विद्या मंदिर में शिक्षा देने के साथ-साथ बालकों को संस्कारित बनाने का कार्य प्रभावी रूप से किया जाता है। इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करते हैं अतः हम स्वयं सौभाग्यशाली है। संस्कारित एवं अनुशासन युक्त बालक ही राष्ट्र निर्माण करते है तथा उसमें राष्ट्र प्रेम , राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी होती है। वही बालक अपने जीवन में उत्तरोत्तर उन्नति करता रहता है। हमारा देश विश्व में महाशक्ति के रूप में छोटे स्थान पर है। पूरा विश्व भारत माता को विश्व गुरु मानता हैI हमारे देश का नाम भारतवर्ष / हिन्दुस्थान,आर्यावर्त, जम्बू द्वीप है।
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वंदना सभा के पश्चात कक्षा दसवीं व नवमी की बालिकाओं के साथ बैठक में भरतराम ने बालिका शिक्षा पर चर्चा कर निम्न टिप्स बताई
- विद्यार्थियों को घबराना नहीं चाहिए,समस्या से भागना नहीं चाहिए।
- विद्यार्थी प्रतिदिन योग आसन, प्राणायाम, खेलना नित्य नित्य पूजा करना चाहे 10 मिनट ही करें।
- विद्यार्थीयो को नियमित रूप से पूजा अर्चना करने का स्वभाव बनाना चाहिए।
- उन्होंने श्रीमती प्रतिभा पाटिल, दोपदी मुर्मु, श्रीमती इन्द्रा, श्रीमती निर्मला सीतारमण आदि को प्रेरणा बताया।
सादडी नगर के विद्या भारती, जोधपुर प्रान्त से प्रेरित आदर्श शिक्षा संस्थान जिला-बाली द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मंदिर (उच्च माध्यमिक) परिसर में शिक्षक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
शिक्षक गोष्ठी में विद्या भारती राजस्थान क्षेत्र के अध्यक्ष भरतराम कुम्हार और बाली जिले के विद्वत परिषद के संयोजक ओम प्रकाश शर्मा द्वारा माँ शारदा, ॐ और भारतमाता के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।- विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य मनोहर लाल सोलंकी द्वारा मंचस्थ अधिकारीयों का दुपट्टा पहनाकर स्वागत एवं परिचय करवाया गया।
- मुकेशकुमार सवंशा द्वारा काव्यगीत – भारतीय शिक्षा का दर्शन अमृत हे छलकायेंगे।
शिक्षक गोष्ठी में भरतराम कुम्हार ने नई शिक्षा नीति के संदर्भ में बताया है कि भारत विश्वगुरु था। 1893 में विवेकानन्द धर्म सम्मेलन में शिकागों में उनकों बताया कि सुनो पाश्चिम वाले मैने आपके लिए भी संदेश लाया है। भारत में मालन्दा तक्षशिला एवं विक्रमशीला जैसे विश्व विद्यालय थे जहाँ भारत में पूरे विश्व से शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते थे। भारत शिक्षा की दृष्टि से सुदृढ था। 1934 में एक मेकाले नाम का एक व्यक्ति भारत आया और उसने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को 1935 में बदल दी। उसने कहाँ कि भारत में भी इंग्लेंड जैसी ही अंग्रेजी शिक्षा होगी। इस प्रकार उन्होंने छल पूर्वक शिक्षा का राष्ट्रीय गौरव मिटा दिया। उन्होंने कहा की
भारत की नई शिक्षा नीति के चार भाग होंगे
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- 1. स्कुल शिक्षा।
- 2. उच्चतर शिक्षा।
- 3. अन्य व्यवसायी शिक्षा।
- 4. क्रियान्वयन नीति अधारित शिक्षा होगी।
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शिक्षक गोष्ठी में आदर्श शिक्षा संस्थान के जिला सचिव सुरेशकुमार मालवीय ने विद्यालय व्यवस्थाओं के बारे मेॅ अपने विचार व्यक्त किये। इस गोष्ठी मे सेवाभारती जोधपुर प्रांत सहमंत्री विजयसिंह माली, प्रधानाचार्य छगनलाल परमार, सुशीला सोनी, कालुराम माली, शिवपाल सिह चारण, गिरधारीलाल देवडा, नारायण लाल रिंडर, सुशीला आदि सभी प्रबुद्ध शिक्षक जन उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में प्रबंध समिति के व्यवस्थापक नारायणलाल लोहार, संरक्षक प्रभुदास वैरागी, सदस्य हरीसिंह राजपुरोहित, प्रकाश मालवीय और सरस्वती विद्या मंदिर के समस्त आचार्य बंधु भगिनी उपस्थित रहे।
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