बारा पॉवर प्लांट से निकल रहे राखड़ डंपिग से क्षेत्रीय लोग परेशान ,भाग 1
- शंकरगढ/बारा(प्रयागराज)
- रिपोर्ट देवेश पाण्डेय
बारा व शंकरगढ में लीज से हटकर बिना अनुमति समतल भूमि में कर रहे डंपिंग।
आज हालात यहां है कि पर्यावरण दूषित हो चुका है , बारा पावर प्लांट की चिमनी से निकलने वाला धुआं व पॉवर प्लांट से बाहर निकल रहा राखड़ परिवहन (डम्पिंग) अब धीरे – धीरे भयानक रूप धारण कर रहा है । पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए आज तक किसी तरह का कोई प्रयास नहीं किया गया । अभी तक सिर्फ जिले को दुधारू गाय समझ कर सिर्फ बारा से खनिज व राजस्व को प्राथमिकता दिया गया , लेकिन बारा क्षेत्र आज खोखला हो चुका है । यही नहीं यदि बारा को यूं कहें कि बारा तहसील क्षेत्र बीमार हो चुका है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा , क्योंकि समूचे ऊर्जाचल क्षेत्र में पर्यावरण की स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है ।
अब पर्यावरण प्रदूषित होने से क्या नुकसान होता है यह बताने की आवश्यकता नहीं है । क्योंकि बारा क्षेत्र वासियों की स्थिति सब कुछ अपने आप बयां कर रही है । लेकिन इतना बताना जरूरी होगा कि पर्यावरण के बिगड़े हालात से अब बारा क्षेत्र मुसीबत में है । यदि समय रहते इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वह दिन दूर नहीं जब इस समस्या से उभरना काफी मुश्किल हो जाएगा । राखड़ डंपिंग बना मुसीबत बारा पावर प्लांट से निकल रहा राखड़ इन दिनों पावर प्लांट ने ऋषि कंस्ट्रक्शन ,यशराज कंस्ट्रक्शन एवं रामराज कंस्ट्रक्शन सहित कई कंस्ट्रक्शन कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है ।
लेकिन इन कंस्ट्रक्शन कंपनियों के ठेकेदारों द्वारा किसान की लीज पर ली गई उपजाऊ जमीन के नाम पर सरकारी स्थानों व समतल भूमि में बिना किसी लीज व अनुमति के ही अवैध तरीके से गाढ़ा कटरा , लखनपुर , ललई , जेके सीमेंट प्लांट के सामने व क्षेत्र के कई स्थानों पर राखड़ काफी ऊँचाई तक डंप कर रहे हैं । कंस्ट्रक्शन कंपनियों द्वारा राखड़ के ऊपर मिट्टी न डालने की वजह से बारिश के मौसम में यही राखड़ लोगों के घरों में बीमारी बन कर पहुँच रहा है ।