गांधीसागर का सौंदर्यीकरण कर पर्यटन व रमणीय स्थल बनायें – कोठारी
भीलवाडा में गाँधी सागर की समस्या जो काफी समय से क्षेत्र वासियों द्वारा उठाई जा रही हे आज शहर विधायक अशोक कुमार कोठारी ने जनता की आवाज़ बनकर विधानसभा में उठाई l जिस गाँधी सागर को पिछले 15 वर्षो से सफाई के नाम पर केवल घोषणा के आलावा कुछ नहीं मिला उसकी सुन्दरता और विकास हेतु कोठारी द्वारा सरकार का ध्यान इस विषय पर खींचा गया।
भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने प्रक्रिया 131 के अंतर्गत राज्य विधानसभा में स्वायत्त शासन व नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा को गांधीसागर को विकसित करने की पुरजोर मांग रखते हुए कहा अभी वर्तमान में गांधीसागर तालाब में 6 छोटे नाले व एक बड़े नाले के द्वारा शहर का गंदा पानी व कचरा सागर में आ रहा है। हम स्वयं अधिकारियों की टीम के साथ मौका निरीक्षण कर चुके हैं तथा कल के फोटो भी आपके समक्ष रखे हैं। अभी भी नालों का गंदा पानी नियमित आ रहा है व गंदगी तथा कचरा बहुतायत मात्रा में भरा पड़ा है। गांधीसागर के बीच में स्थित आयलैण्ड पर झाड़ झंकार उगे पड़े हैं। कॉलोनीवासियों की शिकायतें मिल रही हैं कि यहाँ शराबी स्मेक्ची व असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। आये दिन अपराधिक प्रवृत्ति के लोग गाली गलौच करते हुए उत्पात मचाते हुए दिखते हैं।
आगे विधायक कोठारी ने बताया कि यह समस्या नगरवासी पिछले 15 वर्षों से निरंतर झेलते आ रहे हैं, मगर समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। आपने वर्तमान बजट में 8 करोड़ रु. राशि की डीपीआर स्वीकृत की है, उसके लिए आपका धन्यवाद। मगर मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूँ कि यह राशि पर्याप्त नहीं है। गांधीसागर, उदयपुर के फतहसागर जैसा पर्यटन व रमणीय स्थल बने इसके लिए बड़े बजट की आवश्यकता है।
यह गांधीसागर शहर के मध्य पड़ता है, इसके विकास से शहरवासियों को सुबह शाम घूमने फिरने के अनूठे आनंद की अनुभूति होगी। जवाब में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने आश्वस्त किया कि विधायक कोठारी की अनुशंषा के अनुसार शत प्रतिशत बजट हम देंगे तथा नगर परिषद आयुक्त को भी निर्देशित करेंगे कि डीपीआर बनाने में आपके अंतर्मन के भावों की अनुशंषा के अनुसार डीपीआर बनायें। जो भी सुझाव आप देंगे उन्हें सकारात्मकता से लेकर गांधीसागर को विकसित करते हुए जनता को अनूठा उपहार देंगे.
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