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मातृभाषा संस्कारों व संस्कृति की भाषा -माली

सादड़ी 21फरवरी। मातृभाषा संस्कारों व संस्कृति की भाषा है। मातृभाषा पर हमें गर्व करते हुए इसके संरक्षण व संवर्धन का संकल्प लें। उक्त उद्गार प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की पहल पर अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।

माली ने कहा कि मातृभाषा हमारे व्यवहार की भाषा बने ऐसा हम प्रयास करें। उन्होंने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा इस दिशा में हो रहे प्रयासों की जानकारी दी।इस अवसर पर स्नेहलता गोस्वामी , प्रकाश परमार,मधु गोस्वामी ने मातृभाषा का महत्व बताया।महावीर प्रसाद व कन्हैयालाल ने भी मातृभाषा पर अपने विचार व्यक्त किए।अंत में प्रकाश कुमार शिशोदिया ने सभी को मातृभाषा के संरक्षण संवर्धन की शपथ दिलाई।इस अवसर पर मनीषा ओझा, कविता कंवर, सरस्वती पालीवाल,वीरम राम चौधरी, सुशीला सोनी, रमेश कुमार वछेटा, गजेन्द्र सिंह समेत समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि 21फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रयासों से इस संबंध में जन जागरण किया जा रहा है।

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न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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