बाल अभिरुचि शिविर व्यक्तित्व विकास में सहायक -माली
- सादड़ी 20 मई।
अभिरुचि किसी कौशल को सीखने की योग्यता है।
बाल अभिरुचि शिविर व्यक्तित्व विकास में सहायक है। उक्त उद्गार सेवा भारती सह प्रांत मंत्री विजय सिंह माली ने स्थानीय रांकावत रिसोर्ट में सेवा भारती व भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित दस दिवसीय बाल अभिरुचि शिविर के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किए।
माली ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य बालक का सर्वांगीण विकास है। इस दृष्टि से बाल अभिरुचि शिविर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बच्चों से इसका अधिकाधिक लाभ उठाने का आह्वान किया। इस अवसर पर भारत विकास परिषद के अध्यक्ष हस्ती मल वैष्णव ने कहा कि बाल अभिरुचि शिविर में की जाने वाली गतिविधियो का आनंद लें।
समारोह की अध्यक्षता पतंजलि सेवा भारती महिला कार्य प्रमुख निकिता रावल ने की। सरस्वती पूजन से प्रारंभ हुए इस समारोह में सर्वप्रथम शिविर संयोजक राजेश देवड़ा ने बाल अभिरुचि शिविर के उद्देश्य की जानकारी देते हुए इसके अंतर्गत होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी। तत्पश्चात पतंजलि योगपीठ के योग साधक मोहनलाल सोलंकी ने योग प्राणायाम का अभ्यास करवाया तत्पश्चात सरस्वती पालीवाल ने आत्मरक्षा के गुर सिखाए। निकिता रावल ने पेंटिंग का अभ्यास करवाया।बालकों ने कालु राम के निर्देशन में खुले सत्र में कविता कहानी सुनाई,खेल खेलें। शिविरार्थी जैनी गौड का बच्चों ने जन्म दिन भी मनाया।मंच संचालन डा गिरधारी लाल देवड़ा ने किया।
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