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कांग्रेस अपने चुनावी घोषणापत्र में दिए गए संपत्ति के बंटवारे के मुद्दे पर दे स्पष्टीकरण : शंकर ठक्कर

कांग्रेस की इस मनसा का कड़ा विरोध करेंगे देश भर के व्यापारी

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मुंबई

Lalit Dave
National Correspondent

Lalit Dave, Reporter And National Correspondent - Mumbai Maharashtra
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अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं शंकर ठक्कर ने बताया कांग्रेस द्वारा जारी किए गए अपने मेनिफेस्टो में असमानता के नाम पर संपत्ति बंटवारे की बात कर रहा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस को अपनी स्थिति साफ कर स्पष्टीकरण देना होगा की किस प्रकार से इसे लागू किया जाएगा। अपने खून पसीने से सींची हुई कमाई दूसरों को देना किसी को भी मंजूर नहीं होगा। कुछ लोग यदि बिना मेहनत किए संपत्ति अर्जित करना चाहते हैं तो मेहनत करने वाले की कोई गलती नहीं है।

  • कुछ वर्ष पूर्व में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है.

राहुल गांधी ने कहा है कि पड़ताल करेंगे कि कौन कितना कमाता है, किसके पास कितनी प्रॉपर्टी है। वो कहते हैं कि सरकार इस संपत्ति को अपने कब्ज़े में लेकर सबको बाँट देगी। पार्टी के घोषणापत्र में लिखा है कि सत्ता में आने पर आय और संपत्ति की असमानता के मुद्दे पर विचार करेगी। कांग्रेस के घोषणापत्र में राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक और जातिगत सर्वे करवाने की बात कही गई है। कांग्रेस ने कहा कि इस सर्वे से मिली जानकारियों के आधार पर कदम उठाए जाएंगे।

कांग्रेस के घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों को आर्थिक मज़बूती देने को एक अहम कदम बताया गया है। कांग्रेस ने कहा है कि सत्ता मिलने पर हम ये सुनिश्चित करेंगे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सरकारी नौकरी, स्किल और खेल के क्षेत्र में वाजिब हिस्सेदारी मिले। छह अप्रैल को भी राहुल गांधी ने यही बात दोहराई और कहा कि हम वित्तीय और संस्थानिक सर्वे कराएंगे। हम ये पता लगाएंगे कि देश की दौलत किसके पास है। इसके बाद हम ऐतिहासिक कदम उठाएंगे। हम क्रांतिकारी कदम उठाते हुए ये सुनिश्चित करेंगे कि जो आपका अधिकार है, वो आपको मिले.”

कॉंग्रेस ऐसा पहले भी कर चुकी है.

  • 1. Compulsory Deposit Scheme Act in 1963 & 1974 – आपका पैसा जबरदस्ती सरकार के पास जमा कराने का          कानून
  • 2. Land Ceiling Act 1972-75 – जनता की ज़मीन छीनने का कानून
  • 3. Urban Land Ceiling & Regulation Act 1976- शहरी इलाकों में जनता की ज़मीन छीनने का कानून
  • 4. Wealth Tax Act 1957 – जनता का पैसा छीनने का कानून
  • 5. Removal of ‘Right to Property’ from the list of Fundamental Rights given by the constitution in 1978      through the 44th constitutional amendment…… जनता से Property का अधिकार छीनने का कानून
  • 6. इंदिरा गांधी ने सन 1970 में 97.75% आयकर लागू किया था। मतलब अगर आपकी सालाना आया 1 लाख रूपए है, तो      आपको 97,750 रूपए कर के रूप में में देने होते थे और आपको मिलता था मात्र 2,250 रूपए।

यह कानून जनता की हलक में हाथ डाल कर पैसा और ज़मीन छीनने के लिए बनाये थे। इनमे से Land Ceiling act और Wealth Tax को तो भाजपा सरकार ने रद्द किया था। दूसरी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता साम पित्रोदा साहब अमेरिका की तर्ज पर Inheretence Tax लाने की वकालत कर रहे हैं. मतलब आपके पूर्वजो द्वारा छोडी गई संपत्ति को छीनने का अधिकार।

शंकर ठक्कर ने आगे कहा कांग्रेस को इस मुद्दे पर तुरंत अपना स्पष्टीकरण देना होगा और यदि इनको इस तरह के कानून लाने हैं तो देश भर के व्यापारी इसका विरोध करेंगे क्योंकि 18 घंटे कड़ी मेहनत कर अर्जित की संपत्ति दूसरों को देने के लिए नहीं होती है। सब अपनी मेहनत करके कमाई कर सकते हैं फिर इस तरह के कानून लाने का मतलब क्या है.


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न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

3 Comments

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