सुमेरपुर शहर में बिना स्वीकृति निर्माण कार्य जारी, नगरपालिका द्वारा कोई कार्रवाई नहीं
इन नियमों के तहत पालिका में होता भवन निर्माण
सुमेरपुर| पालिका क्षेत्र में भूखंड के क्षेत्रफल के आधार पर ही भवन निर्माण में ऊंचाई प्रदान की जाती है। पालिका में 100 वर्गमीटर से 162 वर्गमीटर तक के भूखंड सेट बैक क्षेत्र के अंदर जिसमें सामने 3 मीटर व 2.5 मीटर पीछे स्थान रिक्त होना जरूरी है। उस भूखंड में उक्त निर्माण की ऊंचाई 12 मीटर अधिकतम भूतल एवं 2 मंजिल बना सकता है। 350 वर्गमीटर से लेकर 500 वर्गमीटर तक के भूखंड में करीब 6 मीटर तक सामने एवं 3 मीटर बगल में एवं 3 मीटर पीछे सेटबैक छोड़ना अनिवार्य है। जबकि अधिकतम ऊंचाई 14 मीटर यानि 45 फीट होना अधिकतम भूतल एवं दो मंजिल है। लेकिन सुमेरपुर नगर में सारे नियम,कानून,कायदे ताक में रखकर ऊंटपटांग निर्माण कार्य हो रहा है। लेकिन बड़े मजे की बात हैं यहां नियम नहीं,नोटों की खेफ़ चलती है।
सर्वे का बहाना निकला जुठा
शहर में चल रहे अवैध निर्माण कार्यों को लेकर पिछले लंबे समय से सुमेरपुर नगरपालिका काफी सुर्खियों में है। लगातार प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर बेलगाम लापरवाह अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है,लेकिन लंबी राजनीतिक रसुखात बताकर कार्यवाही के नाम पर बल्ले बल्ले हो रही है। पूर्व में प्रकाशित समाचारों के जरिए जिम्मेदारों ने जूठे बयान देकर सर्वे का बहाना बनाते रहें,टालम टोलम करते रहे,माफियाओं को मौका मिलता रहा और लोग आसानी से काम पूरा करते रहे। सूत्रों की मिली जानकारी के अनुसार पालिका के साथ जनप्रतिनिधियों के श्रेय पर गोरख धंधा चल रहा है। मामला अखबारों की सुर्खियों में आता है तब नौकरशाही जिम्मेदार अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ते हुए झूठे बयान बाजी कर कार्रवाई का सिर्फ बहाना बनाते हैं,ऐसा ही कुछ खेल सुमेरपुर में पिछले कई वर्षों से खेला जा रहा है।
डीएलबी और सरकार को कराना होगा सर्वे
सुमेरपुर नगरपालिका में 4:30 वर्षों में हुए कार्यों को लेकर राजस्थान सरकार और स्वायत शासन विभाग को एक बार नगरपालिका क्षेत्र का सर्वे अवश्य करवाना चाहिए,ताकि भ्रष्टाचार का परिंदा का पर्दाफाश हो सके। यहां जो आया उसने पालिका को खूब सराहा है, क्योंकि सुमेरपुर नगरी सोने की मुर्गी है। यहां हर कार्य में भ्रष्टाचार धांधली की पोटली मिलेगी। सूत्रों के अनुसार पालिका में वर्षों से डेरा डालकर बैठे कर्मचारी और अधिकारी सबसे बड़ी दीमक है,इनको यहां से नहीं हटाया गया तो पालिका को करोड़ों रुपए की सपत और लगाई जा सकती है।पिछले कई महीनो से इन जिम्मेदारों को अवगत कराने के बाद भी कार्रवाई करने में आनाकानी कर रहे हैं।
एक बार सरकार को सुमेरपुर नगर पालिका का अवश्य सर्वे करवाना होगा जहां कई सुराग हाथ लगेंगे। आपको बता दे की पूर्व में ACD की टीम ने पालिका का कई दिनों तक डेरा डाला लेकिन उनको भी भनक तक लगने नहीं दी और ऊपर से ऊपर मामला शांत हो गया। मतलब यह नगर पालिका में खेल के खिलाड़ी व्यक्ति के जरिए खेला जा रहा है क्योंकि वह खुद इस डिपार्टमेंट से रिटायरमेंट होने से बाहर निकालने के रास्ते के जानकार होना बताया हैं। अगर बारीकी से जांच की जाए तो एक नहीं अनेक कारनामे की परत खुलने की पूरी संभावना है। विगत सुमेरपुर नगर पालिका को 4:30 वर्षों में करोड़ों रुपए का घाटा उठाना पड़ा है।
एक कर्मचारी के पास एक नही ढेरों चार्ज
पालिका में पिछले लंबे समय से कई कर्मचारी अधिकारी बनकर बैठे हैं और ऐसे कर्मचारियों पर जनप्रतिनिधि तथा पालिका प्रशासन पूरी तरह से मेहरबान है। आपको बता दें कि एक कर्मचारी या अधिकारी एक चार्ज को भी सही तरीके से नही निभा पाते हैं। लेकिन सुमेरपुर पालिका में पिछले कई वर्षों से कर्मचारी के पास एक नही अनेकों चार्ज देने की बात सामने आ रही है। जिम्मेदार अधिकारी एक कर्मचारी पर इतने फिदा क्यों है, इसको हर कोई जानने को तैयार हैं। पालिका के जिम्मेदार और प्रतिनिधि एक बाबूजी पर इतने मेहरबान हुए की एक नहीं स्टोर कीपर के साथ कई तरह के चार्ज थमाए गए हैं।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार पालिका कार्यालय में कार्यरत यशवंत परिहार के पास में सफाई एवं स्वास्थ्य निरीक्षक समेत कई चार्ज है,जिसमे सफ़ाई शाखा,स्टोर शाखा,प्रबंधक सभी वाहन,जेसे की ईओ व चेयरमैन की गाड़ी, JCB ट्रैक्टर सभी के डीजल पेट्रोल, ripering तेल पानी और टेंट,फोटो ग्राफी सभी छोटे बड़े आयोजनों मे लाइट डेकोरेशन,रोड लाइट,रोड लाइट केबल,पोल खरीदना जैसे अनेक कार्य उनके पास में है। सूत्रों की माने तो इनकी तो बल्ले बल्ले है ही, इनके साथ उनकी भी बल्ले बल्ले हो रही हैं जो कि अपनी ईमानदारी लोगों के बीच में दर्शाते हैं।
- इनका कहना
नगर मे भवन निर्माण की अनुमति बिना कई कोमर्सियल और आवासीय भवन निर्माणाधीन है।
कई आवासीय कोलोनियो मे नियम विरुद्ध कोमर्सियल कॉम्प्लेक्स निर्माणाधीन है। जिसमे बिना पार्किंग व्यवस्था के कोमर्सियल कॉम्प्लेक्स की अनुमति केसे मिल जाती है,यह सोचने और समझने का विषय है।तखतगढ़ रोड पर भगतसिंह सर्किल से ओम हॉस्पिटल तक, जलदाय विभाग AEN ऑफिस के पास कई दुकानें बिना भवन निर्माण इजाजत से बनी है। इसी तरह हमारे वार्ड,03 मे कई कोमर्सियल कॉम्पेक्स धडल्ले से बन रहे हैं और कई बन गए। इनका पालिक स्तर पर कुछ होने वाला नही है,सीबीआई जांच होनी चाहिए।
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