अविनाश गहलोत गुरुवार को विधानसभा में मांग संख्या -31 (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की 1 खरब 18 अरब 72 करोड़ 89 लाख 37 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने महंगाई के बावजूद आमजन को राहत पहुंचाने के लिए बजट को बढ़ाकर विकसित राजस्थान-2047 का स्वरूप दिया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एवं सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं के संचालन के लिए राज्य सरकार ने विभाग के बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत की वृद्धि की है। आमजन को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने 100 दिन की कार्ययोजना बनाकर उसे समयबद्ध रूप से क्रियान्वित भी किया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विकास और सशक्तीकरण के लिए एससीएसपी एवं टीएसपी फंड्स को 1000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपये किया गया है। साथ ही, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के युवाओं को रोजगार, बालिकाओं को सम्बल तथा परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के लिए पहली बार 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मंत्री गहलोत ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों के उत्थान व उन्हें राहत प्रदान करने के लिए अनुजा निगम एवं अन्य पिछड़ी जाति विकास निगम आदि के माध्यम से इस वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि पहली बार अनुजा निगम के माध्यम से ईडब्ल्यूएस को ऋण उपलब्ध कराने के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी के लिए कानून तो बना दिया था, लेकिन इसके लिए कोई बजट प्रावधान नहीं किया। हमारी सरकार ने इसके लिए बजटीय प्रावधान कर वास्तव में जरूरतमंदों को राहत प्रदान की है। विभाग द्वारा 31 मई, 2024 तक समस्त लाभार्थियों को पेंशन का भुगतान किया जा चुका है। साथ ही, जून, 2024 माह का भुगतान शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित विशेष योग्यजनों को एक लाख रुपये तक की व्हील चेयर दिये जाने की घोषणा की गई है।
गहलोत ने कहा कि विभाग के छात्रावासों में रहने वाले बालक-बालिकाओं का मासिक अऩुदान 2500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये कर उन्हें आर्थिक सम्बल प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि 870 छात्रावासों के 41 हजार 781 एवं 39 देवनारायण आवासीय विद्यालयों के 14 हजार 957 विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा।
सामाजिक ऩ्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि घुमन्तु समुदाय की पहचान के लिए पहचान प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, वोटर आईडी आदि प्रमाण पत्र जारी करवाने के लिए जिलों में घुमन्तु सहायता शिविर लगाये जाएंगे। इनके आवास के लिए मुख्यमंत्री घुमन्तु आवास योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के लिए अम्बेडकर तीर्थ योजना शुरू की जा रही है, जिसके अन्तर्गत उन्हें डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जीवनी से जुड़े स्थलों का भ्रमण करवाया जाएगा।