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अठारह अभिषेक का कार्यक्रम हुआ संपन्न
सर्वोदय पार्श्वनाथ मंदिर 17 वी वर्षगांठ ध्वजारोहण के उपलक्ष्य में आयोजित महोत्सव में अठारह अभिसेक किया गया.
इस अवसर पर जैन संघ के सचिव संभव जैन ने कहा कि 18 अभिसेक एक उत्कृष्ट कोटि का विधान है जल पूजा विधन विनाशी पूजा कई जाती है देवो और इंद्रो के द्वारा मेरू पर्वत पर परमात्मा का जन्म अभिसेक किया तब तीर्थों समुद्रों नदियों का जल लाया गया था और भिन्न भिन्न औषधिया मिलायी थी उसी के अनुकरण के रूप में भक्तों को भी अलग अलग सुगंधित और ऑसोधिया जल में मिलाकर उसी के द्वारा 18 पाप स्थानको की मुक्ति के लिए 18 अभिसेक विधान करना चाहिए इस अवसर पर रमेश शा,पारस बागरेचा,अशोक परमार,अमित मेहता,सोहन लाल पुनमिया,विकास खाटेड,सुरेन्द्र सोलंकी, अभिसेक मेहता,प्रफुल जैन,साकल चंद खाटेड,शैलेश बोहरा आदि लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में विधि कारक गिरीश भाई एवं संगीतकार छगन गेहलोत की अहम भूमिका रही
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