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चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है, बढ़ चढ कर राष्ट्रहित में मतदान करे-लुणिया

नगरपालिका के टेंपो पर लगे लाउडस्पीकर से जब यह सुमधुर गीत सुना तो मेरे मानस पटल पर विचारों का तूफान उमड़ पड़ा।

हम भारत भाग्य विधाता है,
हम भारत के मतदाता हैं,
मत देने जाएंगे भारत के लिए।।
संपादकीय लेख
मैं लोकतंत्र में मतदान के महत्व के बारे में सोचने लगा। मुझे अब्राहम लिंकन की दी हुई लोकतंत्र की परिभाषा स्मरण हो आई “जनता का, जनता द्वारा, जनता के लिए चलाया जाने वाला शासन ही लोकतंत्र है।”

भारत लोकतंत्र की जननी है। भारत का लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा,जीवंत और स्थिर लोकतंत्र के रुप में सम्मानित है। चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है। चुनाव लोकतंत्र को मजबूत बनाता है। लोकतंत्र में चुनाव सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह और उत्तरदायी बनाता है।

यह हमारे लोकतंत्र की बहुत बड़ी सफलता है कि दूर सुदूर क्षेत्रों में रहने वाला सामान्य मतदाता भी यह महसूस करता है कि देश व राज्य की शासन व्यवस्था को कौन चलाएगा व कैसे चलाएगा यह तय करने में उसकी निर्णायक भूमिका है। मतदान प्रत्येक नागरिक का अधिकार भी है और कर्तव्य भी है। यह हमारे लिए मौका है कि हम अपनी अंतरात्मा की आवाज सुने और सक्षम नेताओं का चयन करें।

राष्ट्रोत्थान के लिए मतदान करना हमारा उत्तरदायित्व है। हम मतदान दिवस यानी 25 नवंबर 2023 को सुबह 7 बजे से सायं 6 बजे के मध्य अपने मत का प्रयोग निर्भीक होकर बिना किसी प्रलोभन में आएं, जाति बिरादरी, पैसा-शराब से हटकर राष्ट्र हित में करें। अंत में इन शब्दों के साथ अपनी लेखनी को विराम देना चाहूंगा –

शत प्रतिशत मतदान, 
राष्ट्र हित में मतदान।
छोड़ो अपने सारे कामकाज, 
पहले चलों करें मतदान।।

दिनेश लूणिया मुख्य संपादक, 
लूणिया टाईम्स न्यूज 

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