सरस्वती शिशु वाटिका सादड़ी में दादा-दादी, नाना-नानी सम्मेलन आयोजित
सादड़ी नगर में सरस्वती शिशु वाटिका सादड़ी में शुक्रवार को दादा-दादी, नाना-नानी सम्मेलन आयोजित किया गया
सरस्वती शिशु वाटिका विद्यालय में आयोजित दादा-दादी, नाना-नानी सम्मलेन का शुभारंभ मुख्य वक्ता कमलेश कुमार समयदानी कार्यकर्ता, पीलीबंगा,जोधपुर प्रांत और श्रीमती दीक्षा त्रिवेदी ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। ततपश्चात प्रधानाचार्य मनोहर लाल सोलंकी ने अतिथियों का स्वागत और परिचय कराया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता द्वारा भारतीय संस्कृति और संस्कारों में दादा दादी की भूमिका पर प्रकाश डाला।
मुख्य वक्ता कमलेश कुमार ने कहा कि आधुनिक युग में बच्चे संस्कार व संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। बच्चों में संस्कार भरने का काम दादा-दादी करते हैं। इसलिए बच्चों को अपना खाली समय अधिक से अधिक अपने दादा-दादी के साथ बिताना चाहिए। ताकि उन्हें भारतीय संस्कृति से अवगत करवाया जा सके। देश के लिए अच्छे नागरिक का निर्माण करने में परिवार की अहम भूमिका होती है। समिति कार्यकर्ता हीर सिंह राजपुरोहित ने कहा कि मां-बाप के पास बैठने के दो फायदे हैं एक आप कभी बड़े नहीं होते और दूसरे मां-बाप कभी बूढ़े नहीं होते। उन्होंने बताया कि दो पीढ़ियों के बीच की समस्या को वृद्ध ही सही कर सकते हैं।
इस दौरान कार्यक्रम में व्यवस्थापक नारायण लाल मालवीय तथा समिति कार्यकर्ता हीरसिंह राजपुरोहित उपस्थित रहे। शिशु वाटिका के प्रभारी उमा गौड ने कार्यक्रम में आए सभी दादा-दादी तथा नाना-नानी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मंच संचालन सुश्री कविता सवनशा ने किया।
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