भायंदर मे गुरू पूर्णिमा महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया
रिपोर्ट – विक्रम बी राठौड़, बाली/मुंबई
भायंदर विजय शांतीसुरीश्रवरजी माराज साहेब का गुरू पुणिॅमा मोहत्सव हर्षोल्लास के साथ भायंदर पश्चिम श्री शांती योगी जैन ट्रस्ट 21 जुलाई 2024 ईदरा कोंपलेक्स विश्व की महानतम विभूति युग प्रधान आचार्य सम्राट श्री श्री श्री 1008 श्री विजय शांती सुरीश्रवर जी माराज साहेब का गुरू पूणिॅमा मोहत्सव हर्षोल्लास मनाया ,सुबह 7:15 बजे गुरूदेव का पक्षाल पुजा ,फुल हार पुजाष ,वाक्षेप पुजा हुई बुदी भाता वितरण हुआ,सुबह 9 :00बजे आरती मंगल दिपक उतारा गया.
सुबह 10:15 बजे अष्ट प्रकारी पुजा भणाई गई 2:30 बजे ऊ शांती महिला मंङल दुवारा सामुहिक सामाईक की गई शाम को 8:00 बजे विराट गुरूभक्ति हुई आरती ओर मंगल दिपक उतारा गया गुरूदेव अजैन होते हुऐ भी विश्व मे जैन का ङंका बजाया था गुरूदेव का संक्षिप्त जिवन परिचय गुरूदेव का जन्म 25जनवरी 1890 मे वंसत पंचमी के शुभ दिन हुआ था जन्म स्थान मणादर (सिरोही) पिता का नाम -भीम तोला ,माता का नाम वसुदेवी,जाती – अहिर बचपन का नाम-सगतोजी, दिक्षा- रामसीन जालोर मे 9/02/1905 मे दिक्षा -तीर्थ विजय मा साहेब से ली थी दादा गुरूदेव- धर्म विजय महाराज साहेब आचार्य पदवी 20/11/1933 को निर्वाण 23/9/1943 को अचलगढ माऊटआबु मे अग्नि संस्कार 27/9/1943 समाधी मंदीर प्रतिष्ठा माणङोली नगर मे वंसत पंचमी को हुई थी.