वीर सावरकर के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्रोत्थान में जुटे -माली
- सादड़ी
वीर सावरकर महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होने देश की आजादी के लिए सेल्युलर जेल में आजन्म कारावास की सजा स्वीकार की।
उनके लिए राष्ट्र प्रथम था हम भी उनके जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्रोत्थान में जुटे यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उक्त उद्गार सेवा भारती के प्रांत सह मंत्री विजय सिंह माली ने स्थानीय रांकावत रिसोर्ट में सेवा भारती व भारत विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे बाल अभिरुचि शिविर में वीर सावरकर जयंती समारोह में व्यक्त किए। माली ने कहा कि वीर सावरकर ने ही 1857की क्रांति को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा। इन्होंने मदनलाल धींगरा जैसे अनेक युवाओं को क्रांति के लिए प्रेरित किया।उनके द्वारा रचित साहित्य कालजयी साहित्य है। उनके अछूतोद्धार के कार्य भी प्रेरक है।
वीर सावरकर की तस्वीर पर माल्यार्पण से शुरू हुए इस समारोह में सर्वप्रथम सेवा भारती महिला कार्य प्रमुख निकिता रावल ने स्वातंत्र्य वीर सावरकर के जीवन पर प्रकाश डाला। सरस्वती पालीवाल, मोहनलाल सोलंकी व अरविंद परमार ने वीर सावरकर से जुड़े प्रेरक प्रसंग सुनाएं।बाल अभिरुचि शिविर के शिविरार्थियों ने भी राष्ट्रवादी कविताएं सुनाईं। शिविर संयोजक राजेश देवड़ा ने आभार व्यक्त किया।मंच संचालन निकिता रावल ने किया। उल्लेखनीय है कि वीर सावरकर जयंती 28 मई को मनाई जाती है।
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