तप आत्मा का श्रृंगार है – साध्वी मैना कंवर
- कंवलियास
गौतम सुराणा कंवलियास
सरेरी में जारी है तपस्याओ की लड़ी
आज सरेरी में चातुर्मास हेतु विराजित भारत कोकिला मेवाड़ सिहनी पूज्या यश कँवर जी मरासा की सुशिष्या श्रमण संघीय उप प्रवर्तिनी प्रवचन चंद्रिका मैना कँवर जी मारासा आदि ठाना के सानिध्य में तेले तप करने वालो का संघ द्वारा बहुमान किया गया इस अवसर पर पूज्या श्री ने तप का महत्व बताते हुए बताया की तब आत्मा का श्रृंगार है वह तो कषाय मुक्ति और आत्मा शुद्धि का अभियान है। भगवान महावीर कहते हैं तप से आत्मा परिशुद्ध होती है।
शरीर को तपाना तो पड़ेगा ही अपनी इच्छाओं पर अंकुश लगाने के लिए।तप यानि मन को नियंत्रण करना तप से सभी व्यसन समाप्त होकर आत्मा निर्मल हो जाती है। तप से कई रोग खत्म हो जाते हैं। इस अवसर पर 47 तेले तपस्वियों का बहुमान किया गया और वर्तमान में सुरेंद्र पानगडिया ने 9 उपवास सरोज देवी पानगडिया ने 10 उपवास टीना भड़कतिया के 6 उपवास और अनीता पानगडिया के 5 उपवास के प्रत्याख्यान लिए इस दोरान मंत्री लालचंद खटोड राजेंद्र खटोड अभिषेक देसरला ने अपने विचार वक्त किये सभा में देवकरण कोठारी नरेंद्र पानगडिया बालचंद देसरला भंवर बिरावत विनोद खटोड़ मिठू लाल लोढा आदि बाहर से आये श्रावक उपस्थित थे
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