ग्राम पंचायत चकशिवचेर को लूट रहे प्रधान सचिव अफसरों ने साधी चुप्पी
रिपोर्ट विजय शुक्ला प्रयागराज
योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त दावे की धज्जियां उड़ाते हुए शंकरगढ़ क्षेत्र के चकशिवचेर ग्राम सभा के पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान योजनाओं में धांधलीकर मालामाल हो रहे हैं लेकिन ग्राम पंचायत में बढ़ते भ्रष्टाचार को रोक लगाने के लिए खंड विकास अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी के साथ-साथ योजना से जुड़े अन्य अधिकारी भी गंभीर नहीं है जिससे ग्राम पंचायत चकशिवचेर में जमकर भ्रष्टाचार हो रही है राज्य वित्त से लेकर के विभिन्न योजनाओं की रकम से कराए जाने वाले कार्यों में मानक की अनदेखी कर मनमानी कार्य कराए जा रहे हैं जिससे योजनाएं जमीनी हकीकत पर नहीं उतर पाती है और नाली खरंजा इंटरलॉकिंग सीसी रोड बनते ही ध्वस्त हो रही है इतना ही नहीं मनरेगा योजना में मजदूरों को रोजगार देने के नाम पर फर्जी नाम दर्ज करके मजदूरी निकाली जा रही है लेकिन हकीकत में कार्य नहीं कराए जा रहे हैं फर्जी मजदूरी के आड़ में हिस्सा बंटवारा हो रहा है जिससे मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है और क्षेत्र के मजदूर रोजगार के चक्कर में पलायन करने को मजबूर है.
अब इस समय अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं पंचायत सचिव ग्राम प्रधान द्वारा निर्धारित कमिशन इन अधिकारियों तक समय से पहुंच जाएगा जिससे यह अधिकारी भी ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार पर रोक लगाने को तैयार नहीं दिखाई पड़ रहे हैं अब सवाल उठता है कि ग्राम पंचायत चकशिवचेर में बढ़े भ्रष्टाचार पर आखिर अधिकारियों ने क्यों चुप्पी साथ ली है इनका क्या हिस्सा है योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त का दावा प्रयागराज जनपद में जिलाधिकारी कैसे लागू कर पाएंगे
2 वर्ष की योजनाओं की जांच हुई तो प्रधान सचिव का जेल जाना तय
प्रयागराज शंकरगढ़ क्षेत्र के चकशिवचेर ग्राम पंचायत में 2 वर्ष के बीच कराए गए विकास कार्यों की शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच कराई गई तो बड़ी धांधली उजागर होगी और ग्राम पंचायत के प्रधान और सचिव द्वारा किए गए बड़ी हेरा फेरी में अफसर की संलिप्तता भी उजागर होना चाहिए यदि ग्राम पंचायत की योगी सरकार ने निष्पक्ष तरीके से जांच कराई तो पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान का जेल जाना है इन पर मुकदमा दर्ज होगा उनकी गिरफ्तारी होगी और पंचायत सचिव पर तो निलंबन की कार्यवाही भी होना तय है ग्राम प्रधान का अधिकार छीन सकता है लेकिन क्या भ्रष्टाचार के बड़े मामले में योगी सरकार के कार्यकाल में निष्पक्ष तरीके से जांच हो पाएगी यह सवाल खड़े हैं