राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका -जोशी
- सादड़ी
राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारतीय ज्ञान परंपरा के आलोक में बनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन कर हम शिक्षक रत्न रणवीर सिंह पारेख के सपनों को साकार कर सकते हैं।
उक्त उद्गार राष्ट्रीय अध्यापक प्रशिक्षण परिषद के सदस्य व शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांतीय अध्यक्ष संदीप जोशी ने स्थानीय श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी में रणवीर सिंह पारेख स्मृति व्याख्यानमाला एवं शिक्षक सम्मान समारोह में व्यक्त किए।
जोशी ने कहा कि रणवीर सिंह पारेख जैसे शिक्षक विरले होते हैं, हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्रोत्थान में जुटना होगा। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास इसी कार्य में अहर्निश जुटा हुआ है।
समारोह के अध्यक्ष अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी लालाराम प्रजापत ने कहा कि हमें भारतीय ज्ञान परंपरा पर गर्व होना चाहिए। रणवीर सिंह पारेख भारतीय ज्ञान परंपरा के संवाहक थे।
सरस्वती पूजन व रणवीर सिंह पारेख की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से शुरू हुए इस समारोह में सर्वप्रथम प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने दिलीप पारेख हेमंत पारेख निर्मला पारेख मधु पारेख सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा रणवीर सिंह पारेख को सभी के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
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प्रकाश परमार ने रणवीर सिंह पारेख के जीवन पर प्रकाश डाला।
रणवीर सिंह पारेख के विद्यार्थी रहे एडवोकेट मदन लोहार, मोहनलाल सोलंकी, पेंशनर समाज के अध्यक्ष जीवराज लोहार, सेवा निवृत्त व्याख्याता ओमप्रकाश हेड़ाऊ ने रणवीर सिंह पारेख के जीवन से जुड़े संस्मरण सुनाए। संदीप जोशी, लालाराम प्रजापत, दिलीप पारेख व हेमंत पारेख के करकमलों से शिक्षा में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए मोहनलाल जाट व्याख्याता देमबोराउमावि सादड़ी, सरस्वती पालीवाल वरिष्ठ शारीरिक शिक्षिका राबाउमावि सादड़ी, कसना राम माली प्रधानाध्यापक राबाउप्रावि बारली सादड़ी, गौतम चंद पालीवाल राप्रावि मौखाजी बस्ती व निकिता रावल द वेलिंगटन इंग्लिश एकेडमी सादड़ी को सम्मानित किया गया।
कक्षा दसवीं की बालिका रितिका त्रिपास ने दिलीप पारेख व हेमंत पारेख को उनके पिता रणवीर सिंह पारेख का हस्तनिर्मित फोटो पोट्रेट भेंट किया जिसे सभी ने सराहा।
इस अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास जोधपुर प्रान्त के डॉ वचनाराम काबावत, आईदान सिंह भाटी, गुलशन कुमार, देवेश दुआ, गोपाल सिंह राजपुरोहित तथा अजीत कुमार राव, दानाराम मालवीय, मांगीलाल सुथार का भी बाहुमान किया। आभार स्नेहलता गोस्वामी ने व्यक्त किया।मंच संचालन प्रकाश कुमार शिशोदिया ने किया।
कन्हैयालाल महावीर प्रसाद सुशीला सोनी कविता कंवर मनीषा सोलंकी रमेश सिंह राजपुरोहित तथा रमेश कुमार वछेटा ने समारोह की व्यवस्थाएं संभाली।
इस अवसर पर नैनाराम पचार, डा गिरधारी लाल देवड़ा, भंवर लाल सुथार, अशोक जैन समेत कई प्रबुद्ध जन व शिक्षक उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि शिक्षक रत्न रणवीर सिंह पारेख का जन्म 7 जुलाई 1928 को हुआ। सादड़ी में दो दशकों तक विज्ञान शिक्षक रहे पारेख को आज भी स्थानीय लोग आदरपूर्वक याद करते हैं।