मां, मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं-सीरवी
मां, मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं होता है. मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षण से विद्यार्थियों में संस्कार सिंचन के साथ साथ अवधारणाओं की समझ बनती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020में मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देने की बात सादड़ी के बालिका विद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में कही गई है।
उक्त उद्गार जिला शिक्षा एव प्रशिक्षण संस्थान बगड़ी नगर के उपप्रधानाचार्य मांगी लाल सीरवी ने स्थानीय श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में चल रही स्थानीय भाषा में शिक्षण सामग्री निर्माण कार्यशाला के समापन के अवसर पर व्यक्त किए।
- सीरवी ने कहा कि कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने बड़ी मेहनत से गोडवाडी बोली में शिक्षण सामग्री तैयार की है जो अनुकरणीय व अभिनंदनीय है।
समापन सत्र की अध्यक्षता प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने की। सरस्वती पूजन से प्रारंभ हुए समापन सत्र में सर्वप्रथम विजय सिंह माली ने विषय विशेषज्ञों का विद्यालय की ओर से स्वागत किया। तत्पश्चात विजय सिंह माली के निर्देशन में गोडवाडी बोली के विषय विशेषज्ञों डाक्टर अजीत सिंह, डाक्टर किरण कुमार चौहान,श्रीमती पवन सोलंकी, चंदन गर्ग,भरत शर्मा, अशोक कुमार, विनोद कुमार,मदन सिंह सिंदल व प्रभु राम गरासिया ने अपने द्वारा गोडवाडी बोली में तैयार शिक्षण सामग्री का प्रदर्शन किया तत्पश्चात जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बगड़ी नगर के उप प्रधानाचार्य मांगी लाल सीरवी ने समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।विषय विशेषज्ञों ने तैयार शिक्षण सामग्री संकलित कर सीरवी को सौंपी। मंच संचालन प्रकाश कुमार शिशोदिया ने किया।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020के क्रियान्वयन के तहत स्थानीय भाषा में शिक्षण सामग्री तैयार की जानी है ताकि प्राथमिक स्तर तक स्थानीय भाषा में शिक्षण कराया जा सके।इस तीन दिवसीय कार्यशाला में गोडवाडी बोली के 10 विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया।