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गोवंशीय पशु वध निषेध अधिनियम के तहत तीन अभियुक्तगणो को 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा

गोडवाड़ की आवाज

देसूरी अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश ललीत डाबी ने राजस्थान गौवंशीय पशु वध निषेध अधिनियम 1995 के तहत अभियुक्तगण राजाराम पुत्र देवाराम प्रजापत निवासी बिजोवा, छगन लाल पुत्र दीपाराम प्रजापत निवासी बिजोवा एवं भरत पुत्र दीपाराम प्रजापत निवासी बिजोवा को दोषी करार देकर 3 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10,000 के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अपर लोक अभियोजक देसूरी बाबु लाल माली ने बताया कि दिनांक 25/7/2017 को प्रार्थी शैतान सिंह पुत्र उम्मेदसिंह राजपुरोहित निवासी वरकाणा ने एक लिखित रिपोर्ट पुलिस थाना रानी में पेश की थी कि प्रार्थी गौ रक्षा का कार्य करता है और दिनांक 22/7/2017 को ग्राम बिजोवा में जैन श्मसान के पिछे सदारणा बेरा अभियुक्त राजाराम, छगन लाल एवं भरत ने मिलकर एक नन्दी जिसकी उम्र लगभग 5 वर्ष 6 माह का था जो अभियुक्तो के खेत में रजगा खाने हेतु चला गया था जिसको तीनों अभियुक्तो ने मिलकर नन्दी को बांधकर बड़ी बेरहमी से मारपीट कर भुखा प्यासा रखा जिसकी हालत खराब होने से मर जाने से नन्दी को रास्ते में डाल दिया है। तथा एक अन्य और नन्दी (जिसकी उम्र लगभग 5 वर्ष) को भी दो दिन से इन तीनों अभियुक्तो ने जाड़े तार से जकड कर बांध रखा है जिसकी भी हालत खराब है मुझे जानकारी मिलने पर मौके पर गया तो गांव कै लोग, पटवारी मनोज, लाखाराम देवासी भी आ गये। जिस पर पुलिस थाना रानी द्वारा मुकदमा नम्बर 56/2017 दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया एवं अभियुक्तो के विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किया गया।

अपर लोक अभियोजक बाबु लाल माली ने बताया कि न्यायालय द्वारा अभियुक्तगणों को आरोप सुनाए जाने के पश्चात न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से 8 गवाह एवं 13 प्रदर्श प्रदर्शित करवाये गये। बाद बहस अन्तिम न्यायालय द्वारा तीनों अभियुक्तो को 3 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10, 000, दस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

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