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पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मृतक भाजपा कार्यकर्ता मोरपाल के घर पहुंच कर प्रकट की शोक संवेदना

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने खड़ीपुर पहुँचकर भाजपा कार्यकर्ता मृतक मोरपाल की मौत पर शोक-संवेदनाएं जताते हुए परिजनों को ढाँढस बंधाया। भाजपा नेता रूपेश शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल सहित परिवारजन व कार्यकर्ताओं के सामने परिवार को संबल देने हुए मृतक मोरपाल की संतानो की शिक्षा व विवाह कराने की जिम्मेदारी ली व परिवारजनों के साथ हर सम्भव खड़े रहे हेतु राजे ने दिलाया भरोसा।

इस दौरान डाबी-बरड़ क्षेत्र के सेकडों भाजपा कार्यकर्ता सहित आमजन मोज़ुद रहे। गौरतलब है कि पिछले दिनों कोटा में आयोजित पूर्व मुख्यमंत्री की विशाल जनसभा से लौटते हुए दुर्घटना में भाजपा कार्यकर्ता मोरपाल की मौत हो गई थी। जिसकी जानकारी मिलने के लिए बाद पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने मृतक के घर खड़ीपुर डाबी पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त करने की इच्छा जाहिर की थी। महारैली के दौरान एक बीजेपी कार्यकर्ता की मौत के बाद उनके घर पहुंची, उसके बाद कोटा कार्यक्रम में सम्मिलित होने से पहले आलाकमान ने आवश्यक बैठक में सम्मिलित होने के लिए दिल्ली बुला लिया, जिससे उनका कोटा दौरा रद्द हो गया, राजे सड़क मार्ग से दिल्ली के लिए रवाना हो गई।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालावाड़ से कार द्वारा कोटा से बूंदी पहुंची। बूंदी जिले के डाबी क्षेत्र के खड़ीपुर गांव में मृतक मोरपाल के घर पहुंची। भाजपा कार्यकर्ता मोरपाल की मौत पर उन्होंने घर पहुंचकर गहरा दु:ख प्रकट किया। भाजपा की महारैली से लौटते समय बस की टक्कर से भाजपा कार्यकर्ता की मौत हो गई थी। वसुंधरा शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंची और वहां से दिल्ली के लिए रवाना हो गई। शंभूपुरा चौराहे पर वसुंधरा राजे का जोरदार स्वागत पहलाद गुंजल द्वारा किया गया।
2 जुलाई को वसुंधरा की कोटा में हुई महारैली के बाद बढ़ी हलचल
कोटा उत्तर के पूर्व विधायक व वसुंधरा समर्थक विधायक और सांसद सहित कई नेताओं ने कोटा में 2 जुलाई को बड़ी महारैली की थी, जिसके बाद राजस्थान से लेकर दिल्ली तक हलचल तेज हो गई। इस रैली को बीजेपी संगठन का कोई सपोर्ट नहीं मिला। प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी तक इस महारैली के बारे में नहीं बोले ना ही कोटा जिलाध्यक्ष सहित भाजपा प्रदेश नेतृत्व इस कार्यक्रम में शामिल हुआ। जिला और प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम से दूरियां बनाए रखी। लेकिन जिस तरह से बडी संख्या में कार्यकर्ता और भीड पहुंची उससे वसुंधरा ने अपनी ताकत दिखाई जिसके बाद हलचत तेज होती चली गई। दिल्ली बैठक में बुलाए जाने पर भी कई तरह की अटकलों का दौर चालू हो गया|

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