
नोहर (राजस्थान)। नोहर के प्रसिद्ध भारत माता आश्रम में इस बार भी गुरुपूर्णिमा का पर्व पूरी भक्ति, श्रद्धा और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाएगा। आषाढ़ मास की पूर्णिमा, यानी गुरुवार को यह खास दिन मनाया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।
गुरुपूर्णिमा का खास महत्व
आश्रम के महंत योगी रामनाथ अवधूत जी ने बताया कि गुरुपूर्णिमा, जिसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है, भारत की गुरु-शिष्य परंपरा का प्रतीक पर्व है। इस दिन शिष्य अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता, श्रद्धा और समर्पण प्रकट करते हैं।
गुरु पूजन के दौरान शिष्य फल, फूल, वस्त्र, मिष्ठान्न और अन्य पूजन सामग्रियां अर्पित करते हैं और गुरुदक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह दिन अध्यात्मिक उन्नति की दिशा में एक बड़ा कदम होता है।
गुरुपूर्णिमा पर विशेष आयोजन
महंत अवधूत जी ने बताया कि पूरे दिन आश्रम में भक्ति और अध्यात्म का माहौल बना रहेगा। यहां कुछ प्रमुख कार्यक्रम होंगे।
- प्रातःकालीन हवन यज्ञ
सुबह-सुबह वैदिक मंत्रों के साथ पावन अग्नि के समक्ष हवन किया जाएगा। श्रद्धालु इसमें बैठकर पुण्य लाभ कमा सकते हैं।
- गुरु पादुका पूजन
गुरु के चरणों की पूजा की जाएगी। यह गुरु के प्रति आदर और समर्पण की अभिव्यक्ति है।
- शक्तिपात और मंत्र दीक्षा
विशेष रूप से चुने गए साधकों को गुरु द्वारा मंत्र दीक्षा दी जाएगी, जिससे वे आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ सकें।
- भजन-सत्संग
दिनभर भक्तिपूर्ण भजन, संतवाणी और सत्संग के माध्यम से वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा बनी रहेगी।
- गुरु स्तुति पाठ
शिष्यगण गुरु की महिमा में विशेष स्तुति पाठ और आराधना करेंगे।
श्रद्धालुओं से विशेष अनुरोध
महंत अवधूत जी ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस पावन पर्व पर भारत माता आश्रम में उपस्थित होकर इस आध्यात्मिक आयोजन का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि गुरुपूर्णिमा सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि यह आत्मिक विकास, गुरु के आशीर्वाद और जीवन में सकारात्मक बदलाव का अवसर है।