मीरा-भायंदर ने देशभर में रच दिया इतिहास — स्वच्छता में पाया प्रथम स्थान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया सम्मानित

- मीरा-भायंदर
स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में मीरा-भायंदर ने लहराया परचम
3 लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में भारत में प्रथम स्थान प्राप्त, राष्ट्रपति भवन दिल्ली में हुआ सम्मान समारोह
मीरा-भायंदर, एक बार फिर से देश को यह संदेश देने में सफल रहा कि जब प्रशासन और जनता एकजुट होकर किसी लक्ष्य के लिए मेहनत करते हैं, तो कोई भी इतिहास रचा जा सकता है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के परिणामों में यह नगर पुनः चमका है, और इस बार उसकी चमक राष्ट्र स्तर पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि बन गई है। केंद्र सरकार द्वारा आयोजित इस सर्वेक्षण में 3 लाख से 10 लाख की जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में मीरा-भायंदर नगर पालिका को देश का प्रथम पुरस्कार मिला है।
देशभर में बना उदाहरण: महाराष्ट्र का इकलौता शहर जो शिखर पर पहुंचा
यह न केवल मीरा-भायंदर के लिए, बल्कि सम्पूर्ण महाराष्ट्र के लिए गर्व का विषय है कि इस पुरस्कार को पाने वाला राज्य का एकमात्र नगर निगम मीरा-भायंदर ही है। यह उपलब्धि देशभर के हजारों शहरों को पीछे छोड़कर प्राप्त की गई है।
राष्ट्रपति भवन दिल्ली में हुआ सम्मान समारोह
इस प्रतिष्ठित सम्मान को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने करकमलों से प्रदान किया। यह पुरस्कार राष्ट्र की सर्वोच्च गणमान्य हस्तियों की उपस्थिति में प्रदान किया गया, जिसमें केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य मंत्री माधुरी मिसाल, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
मीरा-भायंदर नगर निगम के आयुक्त राधा विनोद शर्मा ने यह पुरस्कार ग्रहण किया और इसे संपूर्ण नगर की जनता को समर्पित किया। उनके साथ उपायुक्त सचिन बार भी इस गौरवशाली क्षण के साक्षी बने।
स्वच्छता आंदोलन में नागरिकों की प्रमुख भूमिका
आयुक्त राधा विनोद शर्मा ने कहा कि इस पुरस्कार का श्रेय नगर के नागरिकों को भी जाता है जिन्होंने जागरूकता दिखाई, गंदगी को हटाया, और प्रशासन के हर कदम में उसका साथ दिया। यह केवल सरकार की या निगम की जीत नहीं, यह जीत है हर उस नागरिक की जिसने यह ठाना कि मीरा-भायंदर को स्वच्छ और सुंदर बनाना है।
पुरस्कार वितरण समारोह में वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित
इस ऐतिहासिक मौके पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव श्री श्रीनिवास, राज्य स्तरीय नगर विकास अधिकारीगण, और देशभर के कई शहरों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी ने मीरा-भायंदर की स्वच्छता मॉडल की सराहना की और इसे अन्य नगर निगमों के लिए प्रेरणा बताया।

स्वच्छता के लिए अपनाई गई रणनीति
1. नागरिक जागरूकता अभियान
नगरपालिका द्वारा विभिन्न माध्यमों से नागरिकों को स्वच्छता के लिए प्रेरित किया गया —
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- वार्ड-वार्ड जाकर नुक्कड़ नाटक, स्वच्छता संवाद, स्वच्छता शपथ
- स्कूली बच्चों द्वारा रैलियों और पोस्टर अभियान
- “नो लिटरिंग जोन”, “स्वच्छता प्रहरी” जैसे कार्यक्रम
2. अत्याधुनिक सफाई तकनीक का उपयोग
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- स्मार्ट कचरा संग्रहण वाहन
- रियल-टाइम कचरा ट्रैकिंग
- हर घर से कचरा अलग-अलग (सूखा-गीला) उठाने की व्यवस्था
3. ग्रीन ज़ोन व जीरो वेस्ट पॉलिसी
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- शहर के विभिन्न स्थानों पर हरियाली बढ़ाने की योजनाएँ
- सार्वजनिक स्थलों पर गीले कचरे से कंपोस्टिंग यूनिट
- प्लास्टिक बैन की सख्ती
4. सोशल मीडिया व डिजिटल भागीदारी
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- “स्वच्छ मीरा-भायंदर” मोबाइल ऐप
- नागरिकों से डिजिटल फीडबैक
- रियल टाइम क्लीननेस रेटिंग पोर्टल
मीरा-भायंदर बना आदर्श मॉडल
भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने भी मीरा-भायंदर को एक रोल मॉडल शहर के रूप में पहचान दी है। आने वाले समय में अन्य नगर पालिकाओं को मीरा-भायंदर जैसे मॉड्यूल पर कार्य करने की सलाह दी जाएगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का वक्तव्य
राष्ट्रपति महोदया ने अपने संबोधन में कहा:
“भारत तभी स्वच्छ और सुंदर बन सकता है जब हर शहर, हर गली, हर मोहल्ला अपने स्तर पर प्रयास करे। मीरा-भायंदर नगर और उसकी जनता ने इस बात को सिद्ध कर दिखाया है।”
भविष्य के लिए दृष्टिकोण
1. स्वच्छता से सतत विकास की ओर
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- अगले चरण में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को और मजबूत बनाया जाएगा।
- स्कूलों और कॉलेजों में “ग्रीन क्लब” शुरू करने की योजना।
- हर वार्ड में माइक्रो-कम्पोस्ट यूनिट्स।
2. रोजगार के नए अवसर
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- सफाई मित्रों के लिए मानदेय वृद्धि
- ई-कचरा प्रबंधन केंद्र
- सफाई से जुड़े स्टार्टअप्स को बढ़ावा
जनता की प्रतिक्रियाएं
विक्रांत पटेल, एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा:
“ये सिर्फ एक पुरस्कार नहीं है, यह हम सभी की मेहनत का फल है। हम अपने बच्चों के लिए एक साफ़ और स्वस्थ शहर बना रहे हैं।”
रूबी मिस्त्री, एक स्कूल शिक्षिका:
“हर सुबह स्कूल जाने से पहले हम बच्चों को एक बड़प्पन का अहसास दिलाते हैं कि वे एक अव्वल शहर के निवासी हैं।”
मीरा-भायंदर का यह कीर्तिमान न केवल महाराष्ट्र बल्कि सम्पूर्ण भारत के लिए प्रेरणास्रोत है। यह दर्शाता है कि यदि संकल्प हो, तो स्वच्छता को संस्कार बनाया जा सकता है। प्रशासन और जनता के संयुक्त प्रयासों से मीरा-भायंदर आज “भारत के सबसे स्वच्छ शहरों” की सूची में शीर्ष पर खड़ा है।